कोलकाता. उत्तर बंगाल के मालदा में 2017 में आयी बाढ़ से हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए प्रदान किये गये 100 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का भ्रष्टाचार हुआ है. इस कथित गबन के मामले में अब जिला प्रशासन सीधे सवालों के घेरे में है. इससे पहले, सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, एक पंचायत प्रधान समेत कई निम्न स्तर के सरकारी कर्मचारियों को आरोपी बताया गया था. हाइकोर्ट में अब दावा किया गया कि हाइकोर्ट के आदेश पर सरकार ने करीब 1400 पीड़ितों को अलग से मुआवजा दिया है, लेकिन उन पीड़ितों को मुआवजा ही नहीं मिला. जब पीड़ित परिवारों ने आरटीआइ फाइल की, तो उसकी रिपोर्ट में जिस बैंक अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने की बात कही गयी है, वह पीड़ित परिवारों का है ही नहीं. ऐसे में, याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने मांग की कि दूसरी जांच रिपोर्ट से पहले सीएजी द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की प्रतिलिपि उन्हें दी जाये. लेकिन सीएजी ने इस पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि यह एक कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट है. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि करीब 100 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें पूरे जिले के कम से कम 80 पंचायत प्रधान और सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. वकील ने आरोप लगाया कि सीएजी, राज्य से मिलीभगत करके, रिपोर्ट को पब्लिक करने को तैयार नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.
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