संवाददाता, कोलकाता
सितंबर के आखिरी सप्ताह में दुर्गापूजा से ठीक पहले कोलकाता नगर निगम (केएमसी) को भारी बारिश के बाद हुई समस्याओं का सामना करना पड़ा था. त्योहार के दौरान सड़कों पर पानी भर जाने से नागरिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ी थी. करंट लगने से कई लोगों की जान भी चली गयी थी. उस अनुभव से सीखते हुए केएमसी ने इस बार पहले से ही तैयार है.
मोंथा के प्रभाव से निबटने के लिए पहले से ही सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है. मेयर काउंसिल सदस्य (सीवेज) तारक सिंह ने कहा कि कोलकाता नगर निगम के सभी 144 वार्डों में सीवेज विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को तैयार रखा गया है. मुख्य लक्ष्य किसी भी परिस्थिति में महानगर में कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना है. अगर कहीं पानी जमा होता है, तो उसे तुरंत निकालने के लिए सभी पंपिंग स्टेशन और मशीनरी तैयार रखी गयी है.
केएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश के दौरान जमा हुए पानी में करंट लगने से कई नागरिकों की मौत हो गयी थी. ऐसी स्थिति दोबारा नहीं होने दी जा सकती है. हालांकि कोलकाता में चक्रवात की तीव्रता बहुत अधिक नहीं है, फिर भी कोलकाता नगर निगम ने नागरिक सुरक्षा और जल निकासी की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए पूरी तैयारी की है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सावधानी ही सुरक्षा है, इसलिए इस बार नगर निगम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार और सतर्क है कि बारिश होने पर महानगर में कहीं ज्यादा जल जमाव नहीं हो.
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