एनबीएसटीसी बस को म्यूजियम में करेगा संरक्षित
पर्यटन को मिल सकती है नयी पहचान
संवाददाता, कोलकातानॉर्थ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनबीएसटीसी) की कूचबिहार में चलने वाली अंतिम डबल-डेकर बस अब सड़क पर नहीं दौड़ेगी. कॉर्पोरेशन ने इस ऐतिहासिक बस को संरक्षित कर म्यूजियम में प्रदर्शित करने का फैसला किया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां कूचबिहार की इस अनोखी परिवहन विरासत को देख सकें. बस को संरक्षित करने के लिए शहर के सिल्वर जुबली रोड पर स्थित पुराने बस स्टैंड को चुना गया है. एनबीएसटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपांकर पिपलाई ने बताया कि बस की जरूरी मरम्मत कर उसे जल्द ही निर्धारित स्थान पर स्थापित किया जायेगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. कूचबिहार राज्य का कोलकाता के बाद एकमात्र ऐसा शहर था जहां डबल-डेकर बसें चलती थीं. यहां कुल पांच डबल-डेकर बसें थीं, जिनमें से अब केवल एक बची है. यह बस फिलहाल सेंट्रल बस टर्मिनस में खड़ी है. एनबीएसटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बस को बार-बार सड़क पर लाने की कोशिश की गयी, लेकिन यह लगातार खराब होती रही. पुराने कल-पुर्जे उपलब्ध नहीं होते और मरम्मत की लागत भी काफी बढ़ गयी थी. बस के अनुभवी मैकेनिक भी अब आसानी से नहीं मिलते. इस कारण इसे नियमित सेवा से हटाकर संरक्षित करने का निर्णय लिया गया. एनबीएसटीसी के इस कदम की सराहना की जा रही है. लोगों का कहना है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नयी पीढ़ी को भी यह ऐतिहासिक बस देखने का मौका मिलेगा.जानकारों के अनुसार, कूचबिहार में डबल-डेकर बस सेवा लेफ्ट सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी. बाद में दो चरणों में चार बसें और लायी गयी थीं. वर्ष 2000 के बाद इन बसों की स्थिति बिगड़ने लगी. मरम्मत की बढ़ती लागत, समय की कमी और कम मुनाफे के कारण इनका नियमित संचालन बंद कर दिया गया. कुछ बसें विशेष आयोजनों के लिए किराये पर भी दी जाती थीं, लेकिन इससे भी लाभ नहीं होता था. अंततः सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद कॉर्पोरेशन ने कूचबिहार की इस आखिरी डबल-डेकर बस को धरोहर के रूप में संरक्षित करने का फैसला लिया है.
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