संवाददाता, कोलकाता.
सीमा पर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तर बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गयी है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अब पहले से ज्यादा सतर्कता बरत रहा है और जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गयी है. उत्तर बंगाल की करीब 936 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश के अलावा नेपाल और भूटान से भी लगती हैं.
इन इलाकों में पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, लेकिन मौजूदा हालात के अब हर गतिविधि पर और भी कड़ी निगरानी की जा रही है. इंडो-नेपाल सीमा के पास एसएसबी की तैनाती में भी इजाफा हुआ है, खासकर पानीटंकी और ””””””””चिकेन नेक”””””””” जैसे संवेदनशील इलाकों में. कूचबिहार जिले में करीब 157 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है, जिसमें लगभग 40 किलोमीटर क्षेत्र में अब भी कंटीले तार नहीं लगे हैं.
इन इलाकों में बीएसएफ के जवानों की की गश्त और जवानों की संख्या को दोगुना कर दिया गया है. जलपाईगुड़ी के फूलबाड़ी सीमा क्षेत्र में भी अतिरिक्त चौकसी है. उत्तर दिनाजपुर में भारत-बांग्लादेश सीमा की लंबाई करीब 227 किलोमीटर है. चोपड़ा ब्लॉक के लक्ष्मीपुर, घिरनिगांव, दासपाड़ा और हफ्तियागंज पंचायतों के साथ-साथ ग्वालपोखर-1 ब्लॉक के साहापुर-1 पंचायत में श्रीपुर सीमा और फूलबाड़ी सीमा चौकी जैसे इलाके भी निगरानी के रडार में हैं. करणदिघी और रायगंज ब्लॉक की सीमाओं पर भी जवानों की तैनाती बढ़ायी गयी है. इन सीमावर्ती इलाकों में हजारों भारतीय नागरिक रहते हैं. सीमा पार भारतीय भूभाग में लगभग 30 हजार बीघा कृषि भूमि है, जहां के किसान रोजाना सीमा गेट पार करके खेती करने जाते हैं. बीएसएफ ने अब इन आवाजाही पर भी सख्ती और बढ़ा दी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि खेती के लिए पार जाने की प्रक्रिया अब ज्यादा जांच के बाद ही संभव हो पा रही है. भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई के बाद बांग्लादेश सीमा पर भी लगभग संवेदन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में दोनों ओर से निगरानी तेज कर दी गयी है, ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ या अस्वाभाविक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके.
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