तृणमूल को क्यों सत्ता से बेदखल करना जरूरी, प्रवासी बंगालियों को समझा रहे भाजपा नेता गुजरात की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष शमिक पर, वाराणसी में होंगे पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार कोलकाता. तृणमूल जिस हथियार से वार करने की कोशिश कर रही है, भाजपा उसे बूमरैंग की तरह वापस करना चाहती है. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा पर बार-बार दो आरोप लगा रही है, बांग्ला भाषा का अपमान और बंगाल के बाहर प्रवासी बंगालियों को प्रताड़ित करना. इसका मुकाबला करने के लिए भाजपा अब प्रवासी बंगालियों पर फोकस कर रही है. राज्य के भाजपा नेताओं ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जाकर वहां बंगालियों की पूजा कमेटियों के साथ बैठक शुरू कर दी है. वर्तमान और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अपने दौरे के कार्यक्रम में विशेष ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. वर्तमान अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य प्रधानमंत्री मोदी के राज्य गुजरात जा रहे हैं. पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं. दुर्गापूजा को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों में बंगालियों के बीच भाजपा नेताओं के जनसंपर्क की यह योजना भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बनायी गयी है. भाजपा के दो अखिल भारतीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम और तरुण चुघ इस कार्यक्रम की देखरेख कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने प्रत्येक राज्य में स्थानीय नेताओं की एक टीम बनायी है. यही टीम राज्य के भाजपा नेताओं को स्थानीय पूजा कमेटियों के पास लेकर जा रही है. राज्य के भाजपा नेता पूजा से पहले मुंबई, पुणे, नासिक, सूरत, जयपुर, दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार, लखनऊ, वाराणसी, रांची, पटना, भुवनेश्वर, हैदराबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, बेंगलुरु, पंजिम, मडगांव जैसे विभिन्न शहरों में जाना शुरू कर दिया है. चंडीगढ़ सहित अंडमान और निकोबार जैसे केंद्र शासित प्रदेश भी इस सूची में हैं. पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा को चंडीगढ़ की जिम्मेदारी दी गयी है. अंडमान में उनके ””करीबी अनुयायी”” माने जाने वाले अमिताभ रॉय अपना काम पूरा कर लौट चुके हैं. राहुल सिन्हा ने कहा कि बंगालियों का कहीं कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा है. लोग तृणमूल द्वारा गढ़ी गयी कहानियों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं. वह मानते हैं कि यह कार्यक्रम आगामी विधानसभा चुनावों से जुड़ा है. उनका कहना है कि हम जिन लोगों के पास जा रहे हैं या जायेंगे, उनमें से ज़्यादातर शायद राज्य के मतदाता हैं, लेकिन उनके रिश्तेदार या परिचित इसी राज्य में रहते हैं. ये प्रवासी उन्हें बतायेंगे कि दूसरे राज्यों ने कितनी तरक्की की है और तृणमूल को इस राज्य से हटाना क्यों ज़रूरी है. पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार की पूजा कमेटियों के साथ बैठक कर लौट आयी हैं. केया घोष नयी दिल्ली में आठ पूजा कमेटियों के साथ बैठक कर चुकी हैं. महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में भी जनसंपर्क शुरू किया गया है. राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष रथींद्रनाथ बसु का कहना है कि एक और जनसंपर्क होगा. मुंबई में दुर्गापूजा का आयोजन बड़े पैमाने पर होता है. इसलिए उस शहर की ज़िम्मेदारी तीन लोगों रूपा गांगुली, रुद्रनील घोष और निशीथ प्रमाणिक को दी गयी है. रूपा और रुद्रनील एक बैठक कर भी चुके हैं. निशीथ जल्द ही वहां जायेंगे. बसु खुद पुणे का काम संभाल रहे हैं. वह भी वापस आ गये हैं. एक बार फिर से वह जायेंगे. महाराष्ट्र की प्रभारी टीम में विधायक सुब्रत ठाकुर और वकील नेता कौस्तव बागची शामिल हैं. पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो को रांची की ज़िम्मेदारी दी गयी है. उन्होंने कहा कि मेरी मंज़िल घर के पास है. इसमें ज़्यादा समय नहीं लगेगा. वहां के निवासियों से कहूंगा कि जो हमारे राज्य के मतदाता हैं, चुनाव के दौरान आयें और तृणमूल को हराने के लिए भाजपा को वोट दें.
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