बोलीं ममता बनर्जी
संवाददाता, कोलकाताअनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर मिल रही शिकायतों पर अब सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा. बैठक के दौरान मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि कई बार विभिन्न नियुक्ति परीक्षाओं में ऐसे उम्मीदवारों के नाम भी एससी और एसटी की सूची में शामिल रहते हैं, जो वास्तव में इन श्रेणियों के नहीं हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत को निर्देश दिया कि जहां कहीं भी इस प्रकार की शिकायत मिले, तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाये. सीएम ने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो एससी-एसटी सूची का पुनर्मूल्यांकन किया जा सकता है, हालांकि इस संबंध में फिलहाल कोई औपचारिक निर्देश नहीं दिया गया.
मॉडल स्कूलों और अलचिकी भाषा पर निर्देश : बैठक में मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के लिए बनाये गये मॉडल स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी आदिवासी समुदाय तक पहुंचाने के लिए अभियान तेज करने के निर्देश दिये. हाल ही में डीएलएड परीक्षा में अलचिकी भाषा का प्रश्नपत्र न मिलने की शिकायत को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. इस पर सीएम ने भविष्य में सभी परीक्षाओं में अलचिकी भाषा के प्रश्नपत्र सुनिश्चित करने और समय पर उपलब्ध कराने का आदेश दिया.आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर फोकस
सीएम ने परिषद की बैठक में मौजूद विधायकों और मंत्रियों से कहा कि वे आदिवासी बहुल इलाकों में जनसंपर्क बढ़ायें और विकास कार्यों की गति तेज करें. गौरतलब है कि इस बैठक में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू को भी बतौर सदस्य आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

