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उत्पात से तंग आकर सरकार ने दिया शिकारियों को निर्देश, पागल हाथी को मार डाला

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर वन विभाग के प्राधिकृत सदस्यों ने पिछले एक साल से आतंक मचा रहे एक पागल हाथी को मार गिराया. पागल हाथी को बांकुड़ा जिले में स्थित बेलियातोड़ जंगल में मंगलवार की शाम पांच बजे मारा गया है. यह जानकारी बुधवार को राज्य के वन विभाग के प्रधान सचिव […]

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर वन विभाग के प्राधिकृत सदस्यों ने पिछले एक साल से आतंक मचा रहे एक पागल हाथी को मार गिराया. पागल हाथी को बांकुड़ा जिले में स्थित बेलियातोड़ जंगल में मंगलवार की शाम पांच बजे मारा गया है. यह जानकारी बुधवार को राज्य के वन विभाग के प्रधान सचिव चंदन सिन्हा ने दी. वन भवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘आखिरी उपाय’ के तहत इस घटना को अंजाम दिया है, क्योंकि इसके अलावा राज्य सरकार के पास दूसरा और कोई रास्ता नहीं था.

उन्होंने बताया कि इस हाथी पर दो दिनों की अथक प्रयास के बाद वन विभाग के अधिकारियों व उनकी टीम को दो दिन का समय लगा. हाथी को मारने के लिए चार टीम बनायी गयी थी और इस टीम की सुरक्षा के लिए दो शिकारियों को भी तैनात किया गया है, इसके अलावा पांच प्रशिक्षण प्राप्त हाथियों को भी इस टीम में रखा गया था, ताकि वह भी इस टीम को सुरक्षा प्रदान कर सके. श्री सिन्हा ने बताया कि इस पागल हाथी ने एक व्यक्ति को मार डाला था, जबकि छह लोगों को बुरी तरह घायल किया. इसलिए राज्य सरकार ने इस हाथी को अत्यंत खतरनाक घोषित कर दिया था.

इससे लोगों के जीवन व संपत्तियों के नुकसान का खतरा था. उन्होंने बताया कि पांच जुलाई को वन अधिकारियों की टीम ने सात बार हाथी पर कब्जा पाने की कोशिश की थी, लेकिन वह बार-बार बच निकला था. वह बांकुड़ा जिले में स्थित बेलियातोड़ जंगल में छिप जा रहा था. इस पागल हाथी ने वन विभाग के अधिकारियों की टीम पर भी हमला किया और शिकारियों को मारने के लिए उनका पीछा तक किया. लेकिन दो दिनों के अथक प्रयास के बावजूद वन विभाग की टीम हाथी पर कब्जा नहीं कर पायी. इसलिए अंतत: उसे मारने का फैसला लिया गया.

श्री सिन्हा ने बताया कि पांच जुलाई को शाम पांच बजे के करीब पागल हाथी को मार गिराया गया और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं, पागल हाथी के छोटे साथी को पकड़ गया है और उसे पुनर्वास के लिए उत्तर बंगाल भेज दिया गया है.

राज्य सरकार द्वारा चलाये गये इस अभियान के संबंध में वाइल्ड वार्डन के प्रमुख प्रदीप व्यास ने बताया कि हाथी-मानव के बीच का टकराव चरम सीमा पर पहुंच गया है. वर्ष 2015-16 में बंगाल में हाथियों के हमले से 108 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 95 लोग घायल हुए हैं. वहीं, प्रतिहिंसा में 14 हाथियों की हत्या की गयी है. इससे पहले वर्ष 2010 में हाथी की हत्या की गयी थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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