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सबंग में तृणमूल नेता की हत्या से तनाव

चुनावी दावंपेंच. कांग्रेस प्रत्याशी मानस भुईंया समेत 22 लोगों पर मामला दर्ज, 8 हिरासत में पश्चिम मेदिनीपुर की सबंग विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान होना है, लेकिन इससे पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या से इलाके में तनाव फैल गया है. तृणमूल ने कांग्रेस प्रत्याशी मानस भुईंया सहित 22 लोगों […]

चुनावी दावंपेंच. कांग्रेस प्रत्याशी मानस भुईंया समेत 22 लोगों पर मामला दर्ज, 8 हिरासत में
पश्चिम मेदिनीपुर की सबंग विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान होना है, लेकिन इससे पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या से इलाके में तनाव फैल गया है. तृणमूल ने कांग्रेस प्रत्याशी मानस भुईंया सहित 22 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. घटना से प्रथम चरण के दूसरे हिस्से के चुनाव से पहले राज्य की राजनीति गरमा गयी है.
खड़गपुर/कोलकाता : पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सबंग थाना अंतर्गत दुबराजपुर गांव के मीठापुर इलाके में मतदान से ठीक पहले तृणमूल नेता जयदेव जाना की डंडे और रॉड से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. घटना से इलाके में तनाव का माहौल है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्य के पूर्व मंत्री और सबंग सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मानस भुईंया सहित 22 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी है. पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
स्थानीय लोगों व पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जयदेव जाना तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष थे. बीती रात जब जयदेव जाना चुनाव प्रचार के बाद घर लौट रहे थे, तभी उन पर हमला किया गया. पहले उनकी आंखों में बालू और लाल मिर्च झो‍ंकी गयी. फिर डंडे, लाठी और रॉड से पीटा गया. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी.
मृतक के परिजनों व तृणमूल ने घटना के पीछे कांग्रेस और वाम मोरचा गंठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. जयदेव की पत्नी मिनती जाना का कहना है कि घटना के पीछे मानस भुईंया और कांग्रेस का हाथ है.
उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. हालांकि मानस भुईंया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जयदेव इलाके में महिलाओं के साथ छेड़खानी करता था. इलाके के लोगों के साथ झड़प के कारण ही उसकी मौत हुई है. राजनीतिक कारणों से उनका नाम इस घटना से जोड़ा जा रहा है. तृणमूल नेता व सांसद शुभेंदू अधिकारी ने कहा कि घटना की जांच की जायेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.
पुलिस अधीक्षक बी चंद्रशेखर ने बताया कि जयदेव पर लाठी, रॉड व धारदार हथियारों से हमला किया गया. स्थानीय अस्पताल लाये जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. तृणमूल कांग्रेस ने इसके पीछे कांग्रेस-वाम मोरचा गंठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘बदले की खूनी’ राजनीति बताया.
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि माकपा सांसद मोहम्मद सलीम व राज्य माकपा सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने प्रतिशोध की राजनीति का आह्वान किया था.
यह हत्या उसी का नतीजा है. उन्होंने मानस भुईंया की गिरफ्तारी की मांग की है. स्थानीय तृणमूल नेता अमूल्य माइती ने आरोप लगाया कि जयदेव की हत्या मानस भुईंया की मौजूदगी में हुई. तृणमूल की ओर से मानस भुईंया की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की गयी है. तृणमूल की ओर से कहा गया है कि मानस भुईंया ने कुछ दिनों पहले ही जयदेव जाना के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. शुक्रवार तक जयदेव की हत्या की साजिश रची गयी. सभी सुबूत इसी दिशा में इशारा करते हैं.
हालीशहर में भाजपा प्रत्याशी पर हमला
कांचरापाड़ा : चुनाव प्रचार दौरान शनिवार को बीजपुर की भाजपा प्रत्याशी आलोरानी सरकार कथित तृणमूल समर्थकों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गयीं. उन्हें स्थानीय अस्पताल में भरती कराया गया है. पीड़िता ने बीजपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी है.
जानकारी के अनुसार, आलोरानी अपने समर्थकों के साथ हालीशहर इलाके में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रही थीं.
तभी वहां कुछ तृणमूल समर्थक आ पहुंचे और उन्हें प्रचार करने में बाधा पहुंचायी. इसका आलोरानी ने विरोध किया. इसके बाद बहस ने हाथापाई का रूप ले लिया और तृणमूल समर्थकों ने कथित तौर पर उन पर हमला बोल दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयीं. उन्हें उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. घटना के बाद तृणमूल नेता शुभ्रांशु राय भी थाने पहुंचे और आलोरानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तृणमूल के दो समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया. इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है.
रज्जाक मोल्ला को चुनाव आयोग ने किया सेंसर
कोलकाता. चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस नेता अब्दुल रज्जाक मोल्ला को सेंसर किया गया है. अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी दिव्येंदू सरकार ने बताया कि मोल्ला को उनके आपत्तिजनक बयान के कारण चुनाव आयोग ने शोकॉज किया गया था. उन्होंने जो जवाब दिया उससे आयोग संतुष्ट नहीं हुआ लिहाजा उन्हें ‘सेंसर’ किया गया.
सरकार से जब ‘सेंसर’ के मायने पूछे गये तो उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने ‘निंदा ’ की है. हालांकि जब यह पूछा गया कि क्या मोल्ला अब से चुनाव प्रचार कर सकेंगे सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया. उनका कहना था कि आयोग ने ‘सेंसर’ किया है. इसके बाहर वह कुछ नहीं कह सकते. उन्होेंने यह भी बताया कि आसनसोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषणों की सीडी को चुनाव आयोग के पास भेजा गया है.

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