वह (सब्यसाची दत्त) कुछ नहीं जानते हैं. वहां लोक निर्माण विभाग काम कर रहा है. केंद्रीय जेएनएनयूआरएम परियोजना के तहत ड्रेन बनाये जा रहे हैं. इलाका का सौंदर्यीकरण हो रहा है. ग्रीनेज, फाउंटेन, लैंड स्कैपिंग, सहित अन्य कार्य किये जा रहे हैं. श्री बसु ने कहा : वह (सब्यसाची) अपने इलाके में काम नहीं कर पा रहे हैं. किस तरह से कर पायेंगे, दिन भर तो ईंट और बालू के पीछे घूमते हैं. इससे क्या काम होगा? यह तो उनका इलाका नहीं है. वह अपने इलाके में काम करें.
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विस में भिड़े तृणमूल विधायक सुजीत व सब्यसाची
कोलकाता: विधानसभा में मंत्री अरूप विश्वास और मुख्य सचेतक शोभनदेव चट्टोपाध्याय के बीच खुलेआम विवाद के बाद अब तृणमूल के वरिष्ठ विधायक सुजीत बसु व सब्यसाची दत्त आपस में भिड़ गये. बुधवार को विधानसभा के उल्लेखकाल में राजारहाट-न्यूटाउन के तृणमूल विधायक सब्यसाची दत्त ने कहा कि वीआइपी रोड के किनारे गोलाघाटा से लेकटाउन तक खाल […]
कोलकाता: विधानसभा में मंत्री अरूप विश्वास और मुख्य सचेतक शोभनदेव चट्टोपाध्याय के बीच खुलेआम विवाद के बाद अब तृणमूल के वरिष्ठ विधायक सुजीत बसु व सब्यसाची दत्त आपस में भिड़ गये. बुधवार को विधानसभा के उल्लेखकाल में राजारहाट-न्यूटाउन के तृणमूल विधायक सब्यसाची दत्त ने कहा कि वीआइपी रोड के किनारे गोलाघाटा से लेकटाउन तक खाल को मिट्टी से भरा जा रहा है. ये खाल पीडब्ल्यूडी के हैं. इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की जाये.
तृणमूल विधायक सब्यसाची दत्त के आरोप के बाद विधायकों में चर्चा शुरू हो गयी, क्योंकि श्री दत्त जिस इलाके के संबंध में शिकायत कर रहे थे. वह इलाका तृणमूल कांग्रेस के ही विधायक सुजीत बसु का है. उल्लेखनीय है कि इलाके के दखल के लिए व सिंडिकेट पर नियंत्रण के लिए दोनों विधायकों के बीच विवाद चल रहा है. श्री दत्त ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रश्रय के अलावा यह संभव नहीं है. यहां प्रति कट्ठा जमीन की कीमत 30 लाख से 35 लाख रुपये है. मिट्टी भरने के बाद इसकी कीमत प्रति कट्ठा बढ़ कर डेढ़ करोड़ रुपये हो जायेगी. श्री दत्त के आरोप के बाद विधाननगर विधानसभा केंद्र के विधायक सुजीत बसु ने कहा कि वह उनके आरोप के संबंध में क्या कहेंगे.
इस पर श्री दत्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि वह केवल एक इलाके के विधायक नहीं हैं, बल्कि पहाड़ से लेकर सागर तक फैले बंगाल के विधायक हैं. उन्होंने पहले विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी. विधानसभा अध्यक्ष ने उचित फोरम में बात उठाने के लिए कहा था. इस कारण उल्लेखकाल में उन्होंने यह मुद्दा उठाया.
दोनों विधायकों को तलब किया है. उनसे जवाब मांगा गया है. पार्टी ऐसी घटना की निंदा करती है और इसे कत्तई बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव
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