कोलकाता. महानगर सहित पूरे राज्य में एक के बाद एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के इस्तेमाल के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच, फर्जी प्रमाण पत्र के बारे में सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में 1,400 जाति प्रमाण पत्र रद्द किये गये हैं. जालसाजी के आरोपों के कारण ये जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिये गये. पिछले डेढ़ साल में 36,000 जाति प्रमाण पत्रों को लेकर शिकायतें मिली हैं. इनमें से कई जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिये गये हैं. मूलतः रद्द किये गये सभी जाति प्रमाण पत्र दो वर्ष या उससे अधिक समय पहले जारी किये गये थे. दो साल पहले तक यह जाति प्रमाण पत्र हाथ से हस्ताक्षर कर जारी किया जाता था. इसके बाद से राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने जाति प्रमाण पत्रों में क्यूआर कोड का उपयोग शुरू कर दिया है. नबान्न सूत्रों के अनुसार, कथित तौर पर जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहले ही दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा चुकी है. अब इस घटना में अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं.
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