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दो वर्ष में संस्कृत पढ़ाने के लिए 26 मुस्लिम शिक्षक हुए नियुक्त

पिछले दिनों रमजान अली की नियुक्ति रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर में हुई हावड़ा : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति होने के बाद जहां एक ओर छात्रों ने वहां जम कर विरोध प्रदर्शन किया था, वहीं बंगाल में पिछले दो वर्षों में करीब 25 से अधिक मुस्लिम शिक्षकों की […]

पिछले दिनों रमजान अली की नियुक्ति रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर में हुई

हावड़ा : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति होने के बाद जहां एक ओर छात्रों ने वहां जम कर विरोध प्रदर्शन किया था, वहीं बंगाल में पिछले दो वर्षों में करीब 25 से अधिक मुस्लिम शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न कॉलेज व स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने के लिए हुई है, लेकिन यहां बीएचयू की तरह शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई बवाल नहीं मचा. निश्चित रूप से बंगाल ने पूरे देश को आइना दिखाया है.
जानकारी के अनुसार, बंगाल में कॉलेज सर्विस कमीशन के जरिये इस वर्ष व पिछले वर्ष कुल मिला कर लगभग 26 मुस्लिम प्रोफेसरों की नियुक्ति संस्कृत पढ़ाने के लिए हुई है. हाल ही में रमजान अली की नियुक्ति बेलूर मठ स्थित रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर में बतौर संस्कृत शिक्षक हुई.
रमजान ने बताया कि संस्कृत की पढ़ाई उन्होंने अलीपुरद्वार जिले स्थित फलकाटा कॉलेज से पूरी की है. इसके बाद कॉलेज सर्विस कमीशन में उनका चयन हो गया. चयन के बाद उनकी पसंद पूछी गयी. उन्होंने बेलूर रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर का चयन कर लिया.
उन्होंने कहा : इतने प्रतिष्ठित संस्था में संस्कृत पढ़ाना मेरा लिए एक सपना पूरा होने के बराबर था. 19 नवंबर को मुझे प्रिंसिपल स्वामी शस्त्रानंदनजी महाराज का फोन आया. महाराज ने कॉलेज में संस्कृत पढ़ाने की मेरी इच्छा का स्वागत किया. उन्होंने मुझे बताया कि ज्ञान के सामने धर्म मायने नहीं रखता है. एक अन्य शिक्षक मोतिऊर रहमान भी संस्कृत के शिक्षक हैं. इस वर्ष उनका सीएससी के माध्यम से चयन हुआ है. वह जल्द ही बीरभूम के अभेदानंद महाविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने जायेंगे. उन्होंने बताया कि दक्षिण दिनाजपुर जिले के एक कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर थे.
चयन के बाद अभेदानंद महाविद्यालय दिया गया है. वह बर्दवान विश्वविद्यालय से संस्कृत ऑनर्स में स्नाातक किया है. इसके बाद वह एमए की पढ़ाई पूरी की. मोतिऊर रहमान ने बताया कि संस्कृत व दर्शन शास्त्र उन्हें बहुत पसंद है. मालूम रहे कि पिछले दो वर्षों में सीएससी के माध्यम से संस्कृत पढ़ाने के लिए कई मुस्लिम प्रोफेसरों की नियुक्ति हुई है.
रफीकुल इस्लाम (उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय), अकबर अली (हावड़ा में नरसिंह दत्त कॉलेज), आबिद आजाद (पूर्व मेदिनीपुर जिले में महिषादल राज कॉलेज), हसीना खातून ( झाड़ग्राम), कबेरी हुसैन (श्रीरामपुर गर्ल्स कॉलेज), मोहम्मद इसराफिल (पूर्व बर्दवान में कलमा कॉलेज), रजीबुल खान, दिलरूबा खांडेकर (मेदिनीपुर) और हुसैन परवीन (मिदनापुर) का चयन सीएससी के जरिये हुई हैं. ये सभी नौकरी पाने से पहले विभिन्न शिक्षण संस्थानों में संस्कृत पढ़ाते थे.

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