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शरणार्थियों को नागरिकता के लिए दस्तावेज की जरूरत नहीं : अमित शाह

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया कि हिंदू, बौद्ध, जैन, इसाई व गोरखा सहित अन्य शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन विधेयक के माध्यम से नागरिकता दे दी जायेगी तथा उन्हें नागरिकता हासिल करने के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी. श्री शाह ने एक निजी टेलीविजन […]

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया कि हिंदू, बौद्ध, जैन, इसाई व गोरखा सहित अन्य शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन विधेयक के माध्यम से नागरिकता दे दी जायेगी तथा उन्हें नागरिकता हासिल करने के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी.

श्री शाह ने एक निजी टेलीविजन चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहा कि तृणमूल कांग्रेस एनआरसी को लेकर खौफ फैलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह साफ कर देना चाहते हैं कि पहले नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होगा. शरणार्थी हिंदू, बौद्ध, जैन, इसाई और गोरखाओं को डरने की जरूरत नहीं है. उन्हें नागरिकता दे दी जायेगी. 73 वर्षों से शरणार्थी हिंदू बंगालियों को अभी तक नागरिकता नहीं दी गयी.

उन्होंने सवाल किया कि क्या तृणमूल कांग्रेस हिंदू बंगाली शरणार्थियों को नागरिकता देने वाली विधेयक का समर्थन करेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि वह साफ कर देना चाहते हैं कि हिंदू शरणार्थियों को देश छोड़ कर नहीं जाना होगा. सभी को नागरिकता मिलेगी. यह पूछे जाने पर राज्यसभा में बहुमत नहीं होने पर क्या भाजपा विधेयक पारित करवा पायेगी.

श्री शाह ने कहा कि तीन तालान, धारा 370 विधेयक को पारित हो गया. यह विधेयक भी पारित हो जायेगा. ममता जी राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन आदि में लाइन लगवा कर लोगों को गुमराह कर रही है, लेकिन अगले विधान चुनाव में राज्य में तृणमूल कांग्रेस की पराजय होगी और भाजपा की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनेगी. राज्य की जनता तृणमूल कांग्रेस की भ्रष्टाचार, सिंडिकेट राज और धमकियों से ऊब गयी है.

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