छह साल पहले बढ़ा था किराया
कोलकाता : मेट्रो रेल के किराये में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रेल बोर्ड के पास भेजा गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेट्रो भवन से समीक्षा के बाद नयी किराये दर को रेल बोर्ड के पास भेजा गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि मौजूदा किराया दर से कुछ ज्यादा और इस्ट-वेस्ट मेट्रो के प्रस्तावित किराये से तालमेल रखते हुए नयी दर भेजी गयी है. हालांकि किराये में बढ़ोतरी के साथ स्टेज में परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है.
मेट्रो रेल के सूत्रों के अनुसार, मेट्रो में अंतिम बार साल 2013 में किराया बढ़ाया गया था. इस वजह से आय-व्यय का तुलनात्मक अध्ययन यानी संचालन अनुपात साल 2017-18 के वित्त वर्ष में 278 है. जानकारी के अनुसार, इस अवधि में एक सौ रुपये की आमदनी के लिए मेट्रो रेल को 278 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लिहाजा घाटा कम करने के लिए इस बीच मेट्रो रेल ने आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाये, जिसकी वजह से ऑपरेटिंग रेसियो 284 हुआ.
नाम नहीं छापने की शर्त पर मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में मेट्रो रेल में वातानूकुलित ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जायेगी जिससे इससे खर्च बढ़ेगा. इसकी भरपाई के लिए किराया बढ़ाना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि यात्रियों को सुविधा और सहूलियत देते हुए किराया बढ़ाया जाता है तो यात्री इसका समर्थन करेंगे. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के लिए किराए का जो प्रस्ताव दिया गया है, उसके मुताबिक दो किलोमीटर के लिए पांच रुपये, दो से पांच किलोमीटर के लिए 10 रुपये, 10 किलोमीटर के लिए 20 रुपये और 10 से 16.5 किलोमीटर के लिए तीस रुपये किराया का प्रस्ताव दिया गया है.