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कोलकाता : ममता के समर्थन में आगे आया विपक्ष

कोलकाता : केंद्र सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. उन्होंने धरना स्थल पर ही राज्य कैबिनेट की बैठक की. उन्होंने कहा कि देश और संविधान को जब तक बचा नहीं लिया जाता तब तक उनका ‘सत्याग्रह’ जारी रहेगा. गौरतलब है कि चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता […]

कोलकाता : केंद्र सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. उन्होंने धरना स्थल पर ही राज्य कैबिनेट की बैठक की. उन्होंने कहा कि देश और संविधान को जब तक बचा नहीं लिया जाता तब तक उनका ‘सत्याग्रह’ जारी रहेगा.
गौरतलब है कि चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने की सीबीआइ की कोशिश के खिलाफ रविवार रात से मुख्यमंत्री कोलकाता में मेट्रो चैनल के पास धरना दे रही हैं.
उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर केंद्रीय जांच एजेंसी विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उधर, लगभग पूरा विपक्ष ममता के समर्थन में आगे आ गया है. राजद नेता तेजस्वी यादव और द्रमुक सांसद कनिमोझी धरनास्थल पर पहुंचीं और उन्होंने उनके प्रति एकजुटता प्रकट की. यादव और कनिमोई ने बनर्जी से बातचीत की और उनसे रविवार शाम की घटनाओं के बारे में जानकारी ली.
तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि 22 पार्टियों ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है. ब्रायन ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रदर्शन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ममता को अपनी पार्टी का समर्थन दिया है.
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में इन लोगों को हराने की जरूरत है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देश मोदी-शाह की जोड़ी से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है क्योंकि वे लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं.
राकांपा नेता शरद पवार ने कहा: ममता जी के साथ जो कुछ हुआ वह दिल्ली में भी हो चुका है. केजरीवाल ने भी इसी तरह की स्थिति का सामना किया था. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा: हम केंद्र सरकार की निरंकुशता और तानाशाही के खिलाफ ममता द्वारा उठाये गये कदम की सराहना एवं समर्थन करते हैं. हम उनके साथ और इस तानाशाही के खिलाफ उनकी लड़ाई में दृढ़ता से खड़े हैं.
इस बीच, राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने गृह मंत्रालय को पूरे मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट भेज दी है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यपाल से फोन पर बातचीत की. उधर, सीबीआइ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. अदालत ने कहा है कि सीबीआइ के पास पुलिस कमिश्नर के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने के सुबूत हैं तो वह कोर्ट को उपलब्ध कराये.
इस बीच, हाइकोर्ट ने भी मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सीबीआइ की कार्रवाई के खिलाफ राज्य सरकार ने याचिका दायर की है. हाइकोर्ट भी मंगलवार को मामले में सुनवाई करेगा. इस बीच, तृणमलू कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य के अधिकतर हिस्सों में रैलियां निकालीं और धरने दिये. दो जिलों में ट्रेनों की आवाजाही भी रोकी गयी.
याद रहे कि वाम मोर्चा सरकार के समय सिंगूर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ममता ने दिसंबर 2006 में मेट्रो चैनल पर ही 26 दिन की भूख हड़ताल की थी. सिंगूर अभियान से ही ममता के 2011 में सत्ता में आने की राह खुली थी.
गौरतलब है कि चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआइ की टीम पहुंचने के बाद से राज्य में राजनीति माहौल गर्मा गया. सीबीआइ की एक टीम रविवार को मध्य कोलकाता में राजीव कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंची थी, लेकिन वहां तैनात संतरियों एवं कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें जीप में भर कर थाने ले गये. बाद में सीबीआइ अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित कई नेताओं ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है. यह पूछने पर कि क्या विपक्ष का कोई नेता उनसे मिलने शहर आयेगा, बनर्जी ने कहा: मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर कोई आना चाहता है तो हम उसका स्वागत करेंगे. यह लड़ाई अकेले मेरी पार्टी की नहीं है. यह मेरी सरकार के लिए है.
ममता के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी नेता किरणमय नंदा को धरना मंच पर भेजा. नंदा ने ममता के साथ अपनी पार्टी की एकजुटता व्यक्त किया. मंच के आसपास कुछ मार्गों पर अवरोधक लगाए गए हैं. कई जिलों से पार्टी समर्थक यहां पहुंचे और बनर्जी के समर्थन में नारेबाजी भी की.मुख्यमंत्री ने धरना स्थल के पीछे पुलिस आउट पोस्ट में अपने कैबीनेट की बैठक की और विधानसभा नहीं गयी. सोमवार को वित्त मंत्री अमित मित्रा ने राज्य का बजट पेश किया.
मुख्यमंत्री को सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी की किसान शाखा के साथ एक मीटिंग करनी थी. जिसमें वह नहीं गयी. धरना मंच से ही उन्होने फोन के मार्फत वहां मौजूद किसानों को संबोधित किया. इधर अपनी नेत्री को धरने पर बैठा देख हुगली, हावड़ा, बांकुड़ा, पूर्वी बर्दवान, पुरुलिया, बीरभूम और उत्तर 24 परगना जिले में सुबह से ही लोग सड़कों पर भी उतरे और उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पुतला भी जलाया.
हुगली और हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित की. जबकि बांकुड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध किया. तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सीबीआइ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार को लोकसभा चुनावों में मात देने तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. सुश्री बनर्जी ने पार्टी नेताओं से सोमवार दोपहर दो से शाम चार बजे के बीच लोगों को परेशान किए बिना राज्यभर में प्रदर्शन मार्च निकालने का निर्देश दिया.
दीदी बोलीं- मर जाऊंगी पर समझौता नहीं करूंगी
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं, लेकिन कोई समझौता नहीं करूंगी. केंद्र सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को हाथ लगाया था, तब भी मैं सड़क पर नहीं आयी. वर्तमान हालात में मुझे इस बात पर नाराजगी है कि एक पुलिस कमिश्नर को गैर कानूनी रूप से तंग किया गया. धरने के बीच ही ममता ने पुलिसवालों को सम्मानित किया.
इस दौरान पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार साथ खड़े थे.
राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले में सीबीआइ द्वारा कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने के प्रयास के बाद राज्य में पैदा हालात के बारे में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है. राजभवन के मुताबिक, राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने अपराह्न 3.35 बजे के करीब इ-मेल के माध्यम से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी. हालांकि, राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह राज्यपाल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की.
सूत्रों ने कहा कि विशेष जांच शाखा की रिपोर्ट और राज्य के मुख्य सचिव तथा गृह सचिव द्वारा रविवार की देर रात सौंपी गयी रिपोर्ट को एक साथ मिलाकर राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट तैयार की.
राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने रविवार रात मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को समन कर स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई करने को कहा था. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को केशरीनाथ त्रिपाठी को फोन किया था. उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय को रविवार की शाम को सूचना मिली कि कोलकाता में सीबीआइ अधिकारियों को सारधा घोटाले की जांच के सिलसिले में ‘धमकी मिल रही है और उनकी निजी सुरक्षा को खतरा’ है.
घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रही है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्य में सीबीआइ के कार्यालय और जांच एजेंसी के अधिकारियों के आवासीय परिसर के आस-पास केंद्रीय बलों को तैनात कर रखा है और वह ‘स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं.’ सीबीआइ के मुताबिक आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने चिटफंड घोटाले की जांच में पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था और उनसे गायब दस्तावेजों तथा फाइलों के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है. पेश होने के लिए एजेंसी की तरफ से जारी नोटिस का उन्होंने जवाब नहीं दिया है.
क्या है मामला
सीबीआइ की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गयी थी, लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गयी और उन्हें जबरन जीप में भरकर थाने ले जाया गया. टीम को थोड़े समय के लिए हिरासत में भी रखा गया. घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार की रात साढ़े आठ बजे से धरने पर बैठी हुई हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर बंगाल में तख्तापलट करने का प्रयास करने के आरोप लगाये.
हाइकोर्ट का तत्काल सुनवाई से इंकार
कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने चिटफंड घोटाले के संबंध में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पर उनसे पूछताछ करने की सीबीआइ की कोशिश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार किया. केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश शिवकांत प्रसाद ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इंकार किया और इसे मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
प्रदेश के महाधिवक्ता किशोर दत्त ने कहा कि राज्य पुलिस के अधिकारियों को नोटिस के संबंध में उच्च न्यायालयकी रोक के बावजूद सीबीआइ ने रविवार को राजीव कुमार के घर में घुसने और उनसे पूछताछ करने की कोशिश की.उन्होंने कहा कि अदालत 13 फरवरी को इस मामले में सुनवाई करने वाली है और तब तक, सीबीआइ का राजीव कुमार के आधिकारिक आवास में घुसने का प्रयास उसके आदेश का उल्लंघन है.
अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल कौशिक चंद ने कहा कि रोक केवल बिधाननगर पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त (खुफिया विभाग) अर्णव घोष तथा दो अन्य पुलिस अधिकारियों दिलीप हाजरा और शंकर भट्टाचार्य को सीबीआइ नोटिस पर थी. राजीव कुमार से पूछताछ पर कोई रोक नहीं है. कौशिक चंद ने अदालत से कहा कि सीबीआइ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुकी है और इसलिए राज्य के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई करने को कहा है. इसके बाद महाधिवक्ता ने अनुरोध किया कि सीबीआइ को निर्देश दिया जाए कि वह मंगलवार को मामले की सुनवाई होने तक राजीव कुमार को उसके नोटिस के संबंध में कोई कदम न उठाए लेकिन अदालत ने ऐसा कोई निर्देश देने से इंकार किया.
दूसरी तरफ राजीव कुमार को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए व उसकी जल्द सुनवाई के लिए दो समाजकर्मियों ने याचिका दायर की थी. उनका कहना है कि पुलिस कमिश्नर को सीबीआइ की सहायता करना चाहिए. ऐसा न करके उनके साथ धक्कामुक्की की गयी.
कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार व न्यायाधीश अरिंदम मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने कहा कि मामले की जल्द सुनवाई की क्या जरूरत है. अदालत का कहना था कि नियमानुसार ही आवेदन किया जाये. सुनवाई के लिए मामला सूचीबद्ध होने पर उसपर विचार किया जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने चेताया : पुलिस कमिश्नर ने सबूत मिटाया, तो सख्त कार्रवाई
चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर शुरू हुआ विवाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सीबीआइ ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की. जांच एजेंसी ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सबूत नष्ट भी कर सकते हैं. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यदि वह ऐसा ख्याल भी लाएं, तो हमें सबूत दें.
हम उन पर ऐसी सख्त कार्रवाई करेंगे कि वह इसे भूलेंगे नहीं. इससे पहले जांच एजेंसी ने कोर्ट को रविवार की रात हुए घटनाक्रम के बारे में बताया और कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को कई बार समन भेजा गया,पर उन्होंने सहयोग नहीं किया. जांच में बाधा डालते रहे हैं. ऐसे में उन्हें जांच में मदद करने का निर्देश दिया जाये. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा.
संसद में भी उठा मामला : गृह मंत्री बोले-बंगाल सरकार का रवैया संघीय ढांचे के विरुद्ध
इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में भी जबर्दस्त हंगामा हुआ. तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के निकट पहुंच कर नारेबाजी की. इस वजह से राज्यसभा में शून्यकाल व प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया. लोकसभा में शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, बीजद के भर्तृहरि महताब व कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में सीबीआइ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
सदन में हंगामे के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले पर सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार सीबीआइ के अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हुई. यह संघीय ढांचे के खिलाफ है. इस केस में जांच की इजाजत सीबीआइ को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी.
राजदार को क्यों बचाया जा रहा
एक पुलिस कमिश्नर नेताओं के साथ धरने पर बैठे हैं, इसका क्या मतलब है? ममता बनर्जी राजदार को बचा रही हैं, जो काफी कुछ जानता है. धरने के जरिये ममता अपने को महागठबंधन के नेता के रूप में प्रोजेक्ट कर रही हैं. राहुल गांधी व मायावती को भी पूछना होगा कि उनका क्या होगा?
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री
संस्थाओं पर पीएम का हमला
यह घटनाक्रम भारत की संस्थाओं पर पीएम मोदी व भाजपा के निरंतर हमलों का हिस्सा है. कांग्रेस कंधे से कंधा मिला कर ममता के साथ है. पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा रहेगा. इन फासीवादी ताकतों को हराएगा.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

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