21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

CM ममता को जांच के दायरे से बाहर रख विधानसभा में पारित हुआ लोकायुक्त विधेयक

@मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए लगेगा विधानसभा के दो-तिहाई विधायकों का समर्थन @राज्यपाल की मंजूरी मिलने के 90 दिनों के अंदर नियुक्त होंगे लोकायुक्त : मुख्यमंत्री कोलकाता : लोकायुक्त के जांच के दायरे से बाहर रखकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में पश्चिम बंगाल लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2018 गुरुवार को पारित हो गया. आम […]

@मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए लगेगा विधानसभा के दो-तिहाई विधायकों का समर्थन

@राज्यपाल की मंजूरी मिलने के 90 दिनों के अंदर नियुक्त होंगे लोकायुक्त : मुख्यमंत्री

कोलकाता : लोकायुक्त के जांच के दायरे से बाहर रखकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में पश्चिम बंगाल लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2018 गुरुवार को पारित हो गया. आम जनता के हित (पब्लिक आर्डर) के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच लोकायुक्त नहीं कर पायेगा.

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विधानसभा में संशोधन विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि मूलत: पब्लिक आर्डर में पुलिस व पुलिस आधुनिकीकरण, सीमा सहित अन्य 57 विषय इसमें रहेंगे. विधेयक में उल्लेखित प्रावधानों के अतिरिक्त विधानसभा के सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक तापस राय के संशोधन को विधानसभा ने मंजूरी दे दी.

इस संशोधन के अनुसार पब्लिक आर्डर के बाहर यदि कोई भ्रष्टाचार का आरोप मुख्यमंत्री पर लगता है, तो इसकी जांच करने पहले विधानसभा के दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत होगी. विधानसभा के दो तिहाई समर्थन के बिना मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच नहीं की जा सकेगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री इस विधेयक के माध्यम से लोकायुक्त के जांच के दायरे से पूरी तरह से बाहर हो गयीं.

हालांकि सत्तारूढ़ दल का कहना है कि किसी मंत्री या अधिकारी के खिलाफ बिना कारण ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर उसे परेशान किया जाये. इस कारण ही यह संशोधन युक्त किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल द्वारा इस विधेयक को मंजूरी देने के बाद 90 दिन के अंदर राज्य लोकायुक्त की नियुक्ति होगी.

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर पायी है. ममता ने कहा कि मेरी विश्वासनीयता जनता के प्रति है. दो चार नेता जिनमें कई छिद्र हैं. वे क्या बोल रहे हैं. इससे कुछ आता-जाता नहीं है. जनता के समक्ष जिस दिन विश्वासयोग्यता नहीं रहेगी, तब वह राजनीति में नहीं रहेंगी. उन्होंने कहा कि इस ‍ विधेयक को लेकर गलत बातें फैलायी जा रही हैं. फेक न्यूज और फेक व्यूज चल रहे हैं, हालांकि विरोधी दल के नेताओं ने मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे से बाहर रखने के निर्णय की आलोचना की.

वाम मोरचा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि वाम मोरचा के समय के पुराने कानून की कमजोरी को खोज कर उसे और शक्तिशाली किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने वैसा नहीं किया, वरन पुराने कानून को और भी कमजोर कर दिया. विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कागह कि खुद को सामने रख कर यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल कानून को लेकर जो गलती की थी और उस कानून के कारण वर्तमान प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं लाया जा पा रहा है. राज्य सकार ने उससे कोई शिक्षा नहीं लेकर राज्य में वही गलती कर रही है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष ने कहा कि विधानसभा में इस तरह के विधेयक पारित होने से आम लोग सोचेंगे कि राजनेता अपने को बचाने के लिए सभी रास्ता बंद कर दे रहे हैं. यदि मुख्यमंत्री, मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच नहीं हो पायेगी, तो फिर इस कानून का क्या मतलब है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel