कोलकाता: परिवहन विभाग के अधीनस्थ संस्था सीएसटीसी में करोड़ों रुपये के आर्थिक गबन का मामला प्रकाश में आया है. कर्मचारियों के अनुसार, इस विभाग के कर्मचारियों के को-ऑपरेटिव में जमा 16 करोड़ रुपये का पता नहीं चल पा रहा है, इस राशि को किसने और कहां खर्च की है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.
इस संबंध में कर्मचारियों ने राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र को पत्र भी लिखा था, लेकिन परिवहन मंत्री ने पूरी घटना से ही इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनके पास कोई शिकायत नहीं आयी है और ना ही वह इस बारे में कुछ जानते हैं.
गौरतलब है कि सीएसटीसी के कर्मचारियों ने को-ऑपरेटिव में करीब 16 करोड़ रुपये जमा कराये थे. सीएसटीसी के कुछ कर्मचारी रिटायर हुए हैं और उन लोगों ने को-ऑपरेटिव में जमा राशि की मांग की तो को-ऑपरेटिव प्रबंधन ने साफ कर दिया कि उनका कोष खाली है. उनके पास कोई रुपया नहीं है. राज्य सरकार ने इस राशि को ले लिया है. अब कर्मचारियों की ओर से राज्य के परिवहन मंत्री को पत्र लिखा गया है और रुपया वापस करने की मांग की गयी है. कर्मचारियों का आरोप है कि परिवहन विभाग द्वारा पहले ही उनका वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा, प्रत्येक महीने ही समय सीमा के बाद वेतन मिल रहा है. अब रिटायर होने के बाद को-ऑपरेटिव के पैसे के लिए भी चक्कर काटना पड़ रहा है. हालांकि इस संबंध में राज्य के परिवहन मंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.