कोलकाता. शहीद की बेटी फंड का गठन देशभक्ति को परिभाषित करने का एक अभिनव प्रयास है. जिसे अपने खर्च में कटौती कर द इंस्टीच्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी (आइसीएसआइ) ने करके एक मिसाल पेश की है. देश की अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभानेवाली इस संस्था के 50 वर्षों का सफर गौरवमयी है. ये बातें केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने द इंस्टीच्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी (आइसीएसआइ) के स्वर्ण जंयती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कहीं.
उन्होंने कहा कि इसने काॅरपोरेट कल्चर को बदलने के साथ ही अपने सामाजिक दायित्व को भी बखूबी निभाया है. उल्लेखनीय है कि आइसीएसआइ ने हाल ही में दीक्षांत समारोह से लेकर अपने सभी कार्यक्रमों में अतिथियों को मोमेंटों की बजाये शहीदों की बेटी के नाम एक सर्टिफिकेट प्रदान कर उस खर्च से सीमा पर देश की सुरक्षा में शहीद जवान की बेटियों को सहायता प्रदान करने का महती कार्य आरंभ किया है. इसके अलावा पर्यावरण को हरा-भरा बनाये रखने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए आइसीएसआइ ने अपने सभी अतिथियों को एक पेड़ प्रतीक के रूप में प्रदान करने का निश्चय किया है.
इस मौके पर आइसीएसआइ के सभी पूर्व चेयरमैन को सम्मानित किया गया. इसके साथ ही इस संगठन के प्रति सम्मान व्यक्त करने केे लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीकांफ्रेसिंग के जरिए अपना संबोधन व्यक्त किया. इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियाें में पूर्वी क्षेत्र के चेयरमैन सिद्धार्थ मुरारका, हुगली चैप्टर की चेयरपर्सन अभिजीत नेगी, पूर्वी क्षेत्र के निदेशक आलोक सांमतराय, कोलकाता पुलिस के आइपीएस अधिकारी जीसी दत्त, क्षेत्रीय निदेशक डीवीएनएस शर्मा व एस श्रीजस आदि मुख्य रूप से शामिल थे.
