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WB News : हाइकोर्ट ने दक्षिण 24 परगना जिले के स्कूलों में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति पर लगायी अंतरिम रोक

बलिदान कार्यक्रम को लेकर वकील ने बताया, “पिछले दो वर्षों से इन गतिविधियों को स्थगित रखा गया था. लेकिन इस साल इस प्रथा को पुन: शुरू करने की तैयारी है. इसलिए इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जरूरत है.

पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग में अब प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति में भी अनियमितता का आरोप लगा है, जिसे लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High court) में याचिका दायर की गयी है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है. बताया गया है कि दक्षिण 24 परगना जिले के स्कूल में प्रधान शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाये गये हैं. आरोप है कि प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति के लिए काउंसेलिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. गुरूवार को मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने आदेश दिया कि अदालत के आदेश के बिना जिले में किसी भी नये प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं की जा सकती.

गौरतलब है कि न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की अदालत में याचिका दायर कर दक्षिण 24 परगना जिले के स्कूलों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. आरोप है कि भर्ती में नियमों का पालन नहीं किया गया. वकील ने शिकायत की कि यहां काउंसलिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. नियमों के अनुसार, मुख्य शिक्षकों की नियुक्ति केवल उम्र और अनुभव के आधार पर की जाती है. लेकिन याचिकाकर्ता की दलील थी कि इस जिले में बांकुड़ा और उत्तर 24 परगना में हुई काउंसेलिंग के जरिये नियुक्तियां की गयीं. जस्टिस अभिजीत गांगुली ने शिक्षा बोर्ड को फिलहाल जिले में नयी भर्ती रोकने का आदेश दिया और इस संबंध में शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.

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बोल्ला काली पूजा में बकरा बलि प्रथा पर रोक लगाने की मांग

राज्य में बोल्ला काली उत्सव के दौरान लगभग 10,000 बकरों की बलि प्रथा पर रोक लगाने की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. इस मामले पर कोर्ट को बताया गया कि बलिदान कार्यक्रम शुक्रवार एक दिसंबर को होने वाला है. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने कहा कि वह शुक्रवार सुबह याचिका पर सुनवाई करेगी. कोर्ट ने आगे कहा कि इसे शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कर दें, हम इस पर सुनवाई करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने गुरुवार को जनहित याचिका दायर कर कहा कि दिनाजपुर में बोल्ला काली मंदिर ने घोषणा की है कि वह शुक्रवार को 10,000 बकरों की बलि देगा. बलिदान कार्यक्रम को लेकर वकील ने बताया, “पिछले दो वर्षों से इन गतिविधियों को स्थगित रखा गया था. लेकिन इस साल इस प्रथा को पुन: शुरू करने की तैयारी है. इसलिए इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जरूरत है. हालांकि, पीठ ने यह जानना चाहा कि क्या बकरों के वध पर प्रतिबंध है, जिस पर वकील ने जवाब दिया कि कोई प्रतिबंध नहीं था, लेकिन बकरों का वध करने के तरीके को विनियमित करने वाले नियम है.

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