पश्चिम बंगाल में भाजपा के नबान्न अभियान ( Nabanna Campaign ) के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए गठित भारतीय जनता पार्टी की फैक्ट-फाइंडिंग समिति ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को सौंप दी है. भाजपा अध्यक्ष ने 5 सदस्यीय पैनल का गठन किया था, जिसको बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुई में हिंसा और हमले की जांच करने कि जिम्मेदारी दी थी. इस जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस की कार्रवाई और ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना की है. इसके साथ ही फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पुलिस पर साधा निशाना
जानकारी के अनुसार फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने राज्य सरकार के ‘इशारों’ पर काम करने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की आलोचना की है. बता दें कि टीम के सदस्यों ने कोलकाता में घायल हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी और उनसे पूरी घटना की जानकारी ली थी. उसके बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के कार्यकर्ता शांति से जुलूस निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने राज्य सरकार के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई की. रिपोर्ट में कहा गया है कि नबान्न अभियान के दौरान पूर्व उपमेयर मीना देवी पुरोहित सहित 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं को चोट लगी हैं.
जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को मिले
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं है, क्योंकि उनकी टीएमसी के साथ मिलीभगत है. ऐसे में इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को मिलनी चाहिए . रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 सितंबर को राज्य पुलिस द्वारा बल को टीएमसी के आकाओं की राजनीतिक की मंजूरी मिली थी. ऐसे में कोलकाता पुलिस पर भरोसा नहीं जताया जा सकता है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पुलिस कार्य कर रही है और यहीं वजह थी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हिंसक घटना घटी थी .