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West Bengal : अनुब्रत मंडल के विकल्प के रूप में राणा सिंह हो सकते है बीरभूम के पार्टी अध्यक्ष

पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार जिला तृणमूल पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल जेल से कब रिहा होंगे, यह कोई नहीं कह सकता.ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने बीरभूम में पार्टी का चेहरा तय किया है. विधायक राणा सिंह को बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है .

पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार जिला तृणमूल पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल जेल से कब रिहा होंगे, यह कोई नहीं कह सकता. सीबीआई के बाद ईडी उनसे पूछताछ कर रही है. दूसरी ओर धीरे-धीरे पंचायत चुनाव का समय नजदीक आते जा रहा है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने बीरभूम में पार्टी का चेहरा तय किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने एक पत्र में इस बात की जानकारी दी है. पत्र के अनुसार तृणमूल नेता तथा विधायक राणा सिंह को आगामी दिन बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है . हालांकि इसे लेकर जिले के तृणमूल के अन्य दबंग नेताओं में कयास शुरू हो गया है.

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तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने पत्र में किया उल्लेख

तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने एक पत्र में कहा है कि राणा सिंह उनकी पार्टी के यानि की बीरभूम का चेहरा बन सकते हैं . मंत्री चंद्रनाथ सिंह या जिला परिषद अध्यक्ष विकास राय चौधरी जैसे पुराने तृणमूल नेताओं को पीछे छोड़ते हुए राणा सिंह अनुब्रत मंडल की जगह लेने जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार राणा सिंह 2021 के विधानसभा चुनाव में लाभपुर के विधायक चुने गए थे. अनुब्रत मंडल राणा सिंह पर इतना भरोसा करते हैं कि अनुब्रत मंडल ने उन्हें बीरभूम जिला परिषद के अध्यक्ष विकास रॉय चौधरी के ऊपर रखा है. अनुब्रत मंडल ने राणा सिंह को अपने प्रमुख के रूप में एक नया पद बनाया और इसे मेंटर नाम दिया था. अनुब्रत मंडल जिलाध्यक्ष होते हुए भी राणा सिंह प्रशासन से बात कर तृणमूल बीरभूम के नेता के रूप में पत्र लिखते थे.

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राणा सिंह को लेकर काजल शेख का अनुब्रत मंडल से था विवाद

बीरभूम के तृणमूल काजल शेख जैसे कई लोगों ने राणा सिंह को पार्टी में शामिल करने का विरोध किया था. लेकिन राणा सिंह जो अनुब्रत के करीबी है, पार्टी के शीर्ष पद पर आ गए. राणा सिंह को लेकर काजल शेख का अनुब्रत मंडल से विवाद शुरू हो गया था. काजल शेख ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश से सुपारी किलर लाकर उनकी हत्या की कोशिश की गई थी. कुछ दिनों पहले काजल शेख ने अनुब्रत मंडल का नाम लिए बिना एक फेसबुक पोस्ट में उनका मजाक उड़ाया था.

राणा सिंह पर भी है सीबीआई की नजर 

राणा सिंह उन कुछ लोगों में से एक हैं जो अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की निगरानी में हैं. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि नेपाल के एक मेडिकल कॉलेज में उनका निवेश है. यह भी कहा जाता है कि लाभपुर के विधायक के रूप में अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए लाभपुर के 7 नागरिक स्वयंसेवकों को उस मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर रखा गया है. क्योंकि राणा सिंह की बेटी उस कॉलेज में पढ़ रही है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक राणा सिंह को सीबीआई का फोन पहले ही मिल चुका है और भविष्य में उन्हें फिर से बुलाया जा सकता है.

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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़

Prabhat Khabar Digital Desk
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