आसनसोल.
आसनसोल नगर निगम के अधीन शगुन मैरेज हॉल के टेंडर को लेकर वार्ड 23 की पार्षद सीके रेशमा और निगम अधिकारियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है. सोमवार को पार्षद और निगम अधिकारियों के बीच जमकर कहासुनी हुई. बताया गया कि शगुन मैरेज हॉल निगम की संपत्ति है, जिसका संचालन पहले वीमेन वेलफेयर सोसाइटी करती थी. इस एनजीओ की संचालक स्वयं पार्षद सीके रेशमा हैं. नगर निगम ने इस वर्ष नया टेंडर निकाला, जिसमें रेशमा ने पांच लाख 30 हजार रुपये और एमबी इंटरप्राइजेज ने आठ लाख रुपये की बिडिंग की. अधिक बोली होने के कारण टेंडर एमबी इंटरप्राइजेज को मिल गया. सोमवार को निगम अधिकारियों ने हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू की तो रेशमा ने विरोध किया, जिससे कार्य रुक गया. टेंडरधारक ने चार महीने पहले ही राशि जमा की थी. अब निगम ने रेशमा के खिलाफ एफआईआर की तैयारी शुरू की है.मेयर ने दी कार्रवाई की चेतावनी
मेयर विधान उपाध्याय ने कहा कि सीके रेशमा निगम की आय घटाकर निजी लाभ उठा रही हैं. यह निगम की संपत्ति है, पार्षद का इस पर कोई अधिकार नहीं. इस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.विपक्ष ने किया हमला
भाजपा नेता कृष्णेंदु मुखर्जी ने इसे मेयर और मंत्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि पहले हॉल गरीबों को 500 रुपये में मिलता था, अब 25 से 30 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. कांग्रेस नेता शाह आलम ने कहा कि रेशमा ने खुद टेंडर में बोली लगाई थी, हारने पर विरोध कर रही हैं. पीसीसी सचिव प्रसनजीत पुईतुंडी ने आरोप लगाया कि मैरिज हॉल अब तृणमूल नेताओं की आय का जरिया बन चुके हैं. वहीं रेशमा ने कहा कि यहां महिलाओं को प्रशिक्षण और गरीबों को सहयोग देने का काम चलता है, इसलिए वह इसे किसी को सौंपने नहीं देंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

