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अशोक अपहरण कांड: पैसों के लिए बुना गया खतरनाक जाल, अपहरण कर इतने रुपये की मांगी गई फिरौती

अशोक अपहरण कांड

आसनसोल : आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 (अशोक कानू अपहरणकांड) में नामजद आरोपी जमशेदपुर की पलक कुमारी भारती ने पैसे के लिए सुनियोनित प्लान बनाकर अशोक का अपहरण कर सीवान (बिहार) के अनूप यादव को सौंपा था. 12 दिनों की पुलिस रिमांड में अनूप ने कांड से जुड़ी अहम जानकारी पुलिस को दी है.

अशोक को उठाने के लिए पलक को तीन किस्तों में 25 हजार, 55 हजार और नौ हजार रुपये भुगतान करने की बात सामने आई है. कांड को अंजाम देने के पूर्व अशोक का मोबाइल फोन नम्बर पलक को मुहैया कराया गया था. पलक ने फोन करने अशोक से दोस्ती की और अपने प्यार के जाल में फंसाया.

15 फरवरी को पारसनाथ मंदिर (झारखंड) घूमने जाने की योजना बनाकर अशोक को बुलाया और लेकर सीवान निकल गयी. प्यार में अंधा होकर अशोक उसकी हर बात को मानते हुए सीवान पहुंचा. जहां उसकी हत्या कर दी गयी. शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है. जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.

गुरु की चालाकी और पलक की गलती से हुआ मामले का खुलासा.

अशोक अपने घरवालों को दोस्तों के साथ चार दिन के लिए घूमने जाने की बात कहकर घर से 15 फरवरी को निकला था. अशोक का एक मित्र धेमोमेन इलाके का निवासी प्रशांत ऊर्फ गुरु ने अशोक को 15 फरवरी को फोन किया था. जिसमें अशोक ने कहा कि वह पारसनाथ मंदिर घूमने जा रहा है.

उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड भी है. दोनों दोस्तों में काफी मजाक होता है. यह कॉल गुरु के मोबाइल फोन में रिकॉर्डिंग हो रही थी. इसी बीच पलक भी गुरु से बात करने लगती है. बातों-बातों में ही पलक अपना पूरा बायोडेटा, घर का पता गुरु को बता देती है. पलक ने यहीं गलती कर दी जिसकी वजह से पुलिस इस मामले की तह तक पहुंच पाई. यदि यह रिकॉर्डिंग नहीं रहती तो फिर अशोक का सुराग लगाना पुलिस के लिए कठिन हो जाता.

पलक को तीन किस्त में किया गया था भुगतान.

अशोक को प्यार के जाल में फंसाकर सीवान पहुंचाने के लिए अनूप यादव ने पलक कुमारी को चुना. पलक काफी तेज तर्रार थी. सीवान और गोपालगंज इलाके में काफी चर्चित रही है. पुलिस को पता चला है कि अशोक को उठाकर सीवान तक पहुंचाने के लिए पलक को तीन किस्तों में 25 हजार, 55 हजार और नौ हजार रुपये का भुगतान किया गया था.

अशोक को लेकर पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद पलक लगातार अनूप से बात कर अशोक को हर हाल में वापस लाने की बात कह रही थी. पलक के साथ अनूप यादव के सहयोगियों के साथ बातचीत की एक रिकॉर्डिंग में पलक को कहा जा रहा है कि तुम अपना अकाउंट नम्बर भेजो और भी पैसा भेज दिये जायेंगे. पलक कहती है कि वह पैसे के लिए काम नहीं की है.

पुलिस की दबिश के बाद पलक जब अनूप को फोन करती है कि उसके घरवालों पर पुलिस का दबाव बढ़ रहा है. पुलिस उसके घर तक पहुंच चुकी है. अशोक को किसी भी तरह वापस लाकर दो. अनूप उसे कहता है कि तुम अशोक को लेकर निकली हो यह कोई कैसे जानेगा. तुम निश्चिंत रहो, कुछ नहीं होगा.

पलक कहती है कि अशोक को लेकर मैं पार्क में थी, उसके घरवालों को यह जानकारी मिल गयी है. यह जानकारी कैसे मिली यह नहीं जानती हूं. पलक को यह नहीं पता था कि गुरु से जब अशोक बात कर रहा था उस समय वह पार्क में था और जिसकी जानकारी वह गुरु को दे रहा था. जिसकी रिकॉर्डिंग पुलिस को मिल गयी थी.

स्थानीय एक व्यक्ति की संलिप्तता की बात आई है सामने

सूत्रों के अनुसार अशोक का अपहरण कर हत्या की पूरी साजिश स्थानीय एक व्यक्ति ने रची है. पुलिस उससे पूछताछ भी कर रही है. पुख्ता सबूत मिलते ही पुलिस उसे गिरफ्तार करेगी. अनूप के साथ उसका कनेक्शन होने का भी खुलासा हुआ है. कांड में फरार अनूप के दो सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद इस कांड से पूरा पर्दा उठ जाएगा.

अशोक के घर में उसके माता, पिता, बड़े भाई, दो बहनें है. एक बहन की शादी हुई है. अशोक की बरामदगी के लिए अनूप यादव को रिमांड के दौरान सीवान ले जाने के बाद यह खुलासा हुआ है कि अशोक की हत्या हो चुकी है. 17 फरवरी को सीवान पहुंचने के बाद ही अशोक की हत्या कर शव को दहा नदी में ठिकाने लगा दिया गया है. पुलिस उसका शव अभी तक बरामद नहीं कर पाई है. इसकी सूचना मिलते ही परिवारवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घरवाले अभी भी अशोक के वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं.

posted by : amlesh nandan

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