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आसनसोल के मेयर बने जितेंद्र, तब्बसुम होंगी उपमेयर

कोलकाता में तृणमूल के नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक में ममता ने की घोषणा, अमरनाथ चटर्जी चेयरमैन होंगे आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बना क्षेत्रीय संतुलन आसनसोल : मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को आसनसोल नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों की कोलकाता में हुई बैठक में आसनसोल नगर निगम के पूर्व […]

कोलकाता में तृणमूल के नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक में ममता ने की घोषणा, अमरनाथ चटर्जी चेयरमैन होंगे
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बना क्षेत्रीय संतुलन
आसनसोल : मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को आसनसोल नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों की कोलकाता में हुई बैठक में आसनसोल नगर निगम के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र तिवारी को मेयर, पार्षद तब्बसुम आरा को उपमेयर तथा पूर्व उप मेयर अमरनाथ चटर्जी को चेयरमैन घोषित किया. इसके साथ ही आसनसोल नगर निगम के इतिहास के लिए नया अध्याय शुरू हुआ.
पार्टी सुप्रीमो का यह निर्णय पूरी तरह से अप्रत्याशित रहा. आसनसोल शिल्पांचल तृणमूल के जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के इस निर्णय से आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में विकास की गति तेज होगी.
गौरतलब है कि आसनसोल नगर निगम बोर्ड के लिए बीते तीन अक्तूबर को मतदान हुआ था. बीते दस अक्तूबर को मतगणना हुई थी. इसमें तृणमूल के 74 प्रत्याशियों तथा एक समर्थित निर्दल उम्मीदवार को जीत मिली. इस प्रकार पार्टी के पास 75 पार्षदों की टीम थी. मंगलवार को ममता बनर्जी ने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक कोलकाता में बुलायी थी. इसी में उन्होंने मेयर के रूप में वार्ड 38 से पार्षद बने जितेंद्र तिवारी को मेयर, वार्ड संख्या 63 से पार्षद तब्बसुम आरा को उपमेयर तथा वार्ड 24 के पार्षद अमरनाथ चटर्जी को चेयरमैन मनोनीत किया. बैठक में उपस्थित सभी पार्षदों के लिए यह चुनाव अप्रत्याशित था.
राजनीति गलियारों तथा पार्टी के पार्षदों के बीच मेयर पद के लिए पूर्व मेयर व प्रशासक रहे तापस बनर्जी के नाम का चयन तय माना जा रहा था. इसके पर्याप्त कारण भी थे. वे इकलौते विधायक थे, जिन्हें पार्षद के चुनाव के लिए टिकट दिया गया था. विधायक उज्जवल चटर्जी, विधायक सोहराब अली तक को चुनाव से वंचित रखा गया था.
जानकारों की मानें तो इस घोषणा के पीछे पार्टी नेतृत्व ने अगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए वोट के समीकरण को ठीक किया है. वर्ष 2014 में हुए संसदीय चुनाव में आसनसोल से पार्टी की हार को पार्टी नेतृत्व ने काफी गंभीरता से लिया था. बाद के दिनों में भी इस पर काफी मंथन किया गया.
संसदीय चुनाव में भाजपा को आसनसोल साउथ, असनसोल नॉर्थ व कुल्टी विधानसभा क्षेत्र से अच्छी बढ़त मिली थी. यही कारण है कि नगर निगम के तीन महत्वपूर्ण पदों मेयर, उपमेयर तथा चेयरमैन पद के लिए चयन में इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गयी.
असनसोल साउथ को मेयर, कुल्टी को उपमेयर तथा असनसोल नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र को चेयरमैन का पद दिया गया. इसके साथ ही अाबादी के अनुसार भी समीकरण ठीक किया गया. आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में हिंदी भाषी अाबादी की संख्या को देखते हुए मेयर तथा मुसलिम अल्पसंख्यक को उप मेयर का पद दिया गया.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीते संसदीय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो के खिलाफ लगातार मुखर व समझौताविहीन संघर्ष करने का भी पुरस्कार तिवारी को मेयर पद के रूप में मिला है.
उन पर श्री सुप्रियो के खिलाफ शराब पीकर मंदिर में घुसने की झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने, क्षेत्र में उनको प्रवेश न करने देने की रणनीति बनाने तथा मारपीट की साजिश करने का भी आरोप लगा. श्री सुप्रियो के केंद्रीय राज्यमंत्री बनने के बाद भी जेके नगर हाइ स्कूल, डामरा स्थित विधान स्मृति शिक्षा निकेतन में उनको (बाबुल) प्रवेश करने की अनुमति न देने के कारण भी वे चर्चे में रहे.
आसनसोल नगर निगम चुनाव के दौरान भी श्री सुप्रियो के खिलाफ विभिन्न मंचों पर वे मुखर रहे तथा पार्टी नीतियों का समर्थन करते हुए श्री सुप्रियो की काफी खिंचाई की. पार्टी के प्रति उनकी इस प्रतिबद्धता को देखते हुए ही उनका चयन किया गया है.

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