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साढ़े तीन हजार की गिरफ्तारी
केंद्र सरकार के खिलाफ यूनियनों का कानून भंग आंदोलन शहर में भी आसनसोल : केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियो के विरोध सहित 15 सूत्री मांगों के समर्थन में विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को आसनसोल में भी यूनियनों ने ‘कानून भंग आंदोलन’ किया. बीएनआर के रवींद्र भवन के समक्ष […]
केंद्र सरकार के खिलाफ यूनियनों का कानून भंग आंदोलन शहर में भी
आसनसोल : केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियो के विरोध सहित 15 सूत्री मांगों के समर्थन में विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को आसनसोल में भी यूनियनों ने ‘कानून भंग आंदोलन’ किया.
बीएनआर के रवींद्र भवन के समक्ष सभा आयोजित की तथा महकमाशासक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दी. सहायक पुलिस आयुक्त (सेन्ट्रल) शौभनिक मुखर्जी ने साढ़े तीन हजार प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की घोषणा ककी. महकमाशासक अमिताभ दास के निर्देश के बाद गिरफ्तार सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया.
रवींद्र भवन के समक्ष आयोजित सभा को सीटू के बर्दवान जिलाध्यक्ष विनय कृष्ण चक्रवर्ती, पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी, पूर्व सांसद आरसी सिंह, विधायक गौरांग चटर्जी, यूटीयूसी के नेता भवानी आचार्या, एचएमएस के नेता एसके पांडे, मुमताज अहमद, इंटक के नेता चंडी बनर्जी, संजय सेनगुप्ता, हरजीत सिंह, राजद के जिलाध्यक्ष नंदबिहारी यादव आदि ने इसका नेतृत्व किया.
पूर्व सांसद श्री सिंह ने कहा कि केंद्रीय सरकार पूरी तरह से पूंजीपतियों व विदेशी कंपनियों के हितों में कार्य कर रही है. उनके लाभ के लिए श्रमिकों के अधिकारों की गारंटी करनेवाले कानूनों को रद्द किया जा रहा है. उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है. सरकारी रूग्ण कंपनियों को बंद किया जा रहा है. रूपनारायणपुर स्थित एचसीएल इसका प्रमाण है.
केंद्र सरकार की नीतियों के कारण हही कोयला उद्योग निजी हाथों में जा रहा है. कोल इंडिया के 21 फीसदी शेयर बेच दिये गये हैं. पांच फीसदी शेयर शीघ्र बिकेंगे. दूसरी ओर निजी कंपनियों को खुले बाजार में कोयले की बिक्री करने के अधिकार के साथ कोल ब्लॉक आवंटित किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के हर तबके के श्रमिकों को एकजुट होकर इस सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करना होगा.
पपूर्व सांसद श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण श्रमिकों का भविष्य खतरे में है. सरकार विभिन्न सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपना चाहती है.
साथ ही श्रमिकों को मिल रही सामाजिक सुरक्षा का समाप्त करने की साजिश की जा रही है. केंद्र सरकार कोयला खान, इस्पात, परिवहन, दूरभाष विभाग के श्रमिकों को रोजगार छिनने का प्रयास कर रही है. दूसरी तरफ तृणमूल सरकार के संत्रस से जनता भयभीत है. राज्य में ट्रेड यूनियनों पर आक्रमण किया जा रहा है. ट्रेड यूनियनों के समर्थकों को डराने के साथ उनके कार्यालयों में तोड़-फोड़ की जा रही है. भूमि अधिग्रहण विधेयक को कानून बना कर किसान से जबरन जमीन छिनने की व्यवस्था की जा रही है. इसके विरोध में सभी ट्रेड यूनियन एकजुट होकर पूरे देश में आंदोलन कर रही है. कोयलांचल में भी इसे तीव्र करना होगा.
सभा के पश्चात रवींद्र भवन से यूनियन नेताओं के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकाला गया. शामिल विभिन्न ट्रेड यूनियनों के समर्थकों ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की. जुलूस रवींद्र भवन से शुरू होकर आसनसोल कोर्ट होते हुये महकमाशासक कार्यालय तक गया. वहां प्रदर्शन करने के दौरान यूनियनों के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महकमा शासक अमिताभ दास से मुलाकात की. उन्हें मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया.
इसके बाद एसीपी (सेंट्रल) शौभनिक मुखर्जी तथा आसनसोल दक्षिण थाना प्रभारी संजय चक्रवर्ती की उपस्थिति में कानून तोड़ने पर साढ़े तीन हजार ट्रेड यूनियन समर्थकों को गिरफ्तार किया गया. जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.
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