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पुलिस पर गोली-बम चला भागे चार विचाराधीन कैदी, कांथी. दो पकड़े गये, दो अन्य अब भी फरार
हल्दिया : दो वर्ष पहले संगीन अपराधों के आरोपी कर्ण बेरा ने कहा था कि मौका मिलते ही वह भाग निकलेगा. शायद पुलिस को उसकी बातों पर उसी वक्त यकीन कर लेना चाहिए था क्योंकि उसने ऐसा ही किया. हालांकि वह पुलिस के चंगुल से भाग तो निकला लेकिन करीब दो घंटे तक चले लुका-छिपी […]
हल्दिया : दो वर्ष पहले संगीन अपराधों के आरोपी कर्ण बेरा ने कहा था कि मौका मिलते ही वह भाग निकलेगा. शायद पुलिस को उसकी बातों पर उसी वक्त यकीन कर लेना चाहिए था क्योंकि उसने ऐसा ही किया. हालांकि वह पुलिस के चंगुल से भाग तो निकला लेकिन करीब दो घंटे तक चले लुका-छिपी के खेल के बाद आखिरकार उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. कर्ण पर हत्या, डकैती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
सूत्रों के अनुसार, घटना गुरुवार को अपराह्न कांथी महकमा अदालत के पास घटी. प्रिजन वैन से कर्ण और अन्य साथियों (विचाराधीन कैदियों) को पुलिस अदालत लायी थी. प्रिजन वैन से उतरते ही ही कर्ण और उसके अन्य साथियों के हाथों में बैग देखा गया, जिसमें बम, आग्नेयास्त्र और धारदार हथियार रखे थे.
उन्होंने अचानक बैग से आग्नेयास्त्र निकाला और ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी सुशांत राना को गोली मार दी. उसके बाद वे भाग निकले. पुलिस कर्मी उन्हें पकड़ने की जद्दोजहद में जुट गये. इस दौरान आरोपियों ने बमबाजी भी की. बमबाजी के दौरान ए माइति नामक एक पुलिस कांस्टेबल घायल हो गये. फरार रतिकांत मंडल को अदालत परिसर के पकड़ लिया गया. लेकिन कर्ण, शेख मुन्ना व सुरजीत गुड़िया हाथ नहीं आये. अदालत परिसर से भागने के बाद आरोपी सबसे पहले पास स्थित सुपर मार्केट के मुख्य द्वार के पास स्थित एक बैंक कार्यालय के सामने पहुंचे.
कर्ण और उसके दो सहयोगियों के साथ एक अन्य अपराधी भी शामिल हो गया. वहां हथियार की नोंक पर शेख नासेर नामक एक व्यक्ति का बाइक छीन लिया गया. बाइक मेें पेट्रोल खत्म होने के कारण कर्ण और उसके साथियों की मुश्किलें बढ़ गयी. खुद को बचाने के लिये उन्होंने फिर बमबाजी की. बाइक को किसी तरह वे पोस्ट आॅफिस के सामने लाये. वहां फिर बमबाजी की और फिर चारों अलग-अलग दिशाओं में भाग निकले. उनका पीछा कर रही पुलिस को कर्ण टेलीफोन एक्सचेंज कार्यालय के पास एक खाली पड़े मकान में मिला.
उसने पुलिस कर्मियों पर निशाना साध गोलियां चलायीं. गोली खत्म होने के बाद उसने खुद को अात्मसमर्पण कर दिया. पूर्व मेदिनीपुर जिला के पुलिस अधीक्षक वीएस नेसाकुमार ने कहा कि अदालत परिसर से भागने के बाद सबसे पहले रतिकांत मंडल को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद कर्ण बेरा को अदालत के पास स्थित एक खाली पड़े मकान से गिरफ्तार किया गया.
फरार हुए अन्य दो विचाराधीन कैदी शेख मुन्ना व सुरजीत गुड़िया को गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है. अदालत परिसर से भागने के बाद विभिन्न जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कर्ण और उसके दो सहयोगियों की हरकत कैद हो गयी. पुलिस ने आशंका व्यक्त की है कि प्रिजन वैन से उतरने के बाद हथियारों से भरा बैग कर्ण और उसके सहयोगियों के हाथ में थमाया गया. सवाल यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद बैग किसने कर्ण और उसके सहयोगियों तक पहुंचाया? पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना के पूर्व सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था.
कर्ण के कब्जे से पुलिस ने एक आग्नेयास्त्र जब्त किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में कांथी के रसूलपुर के चंडीपुर स्थित एक पेट्रोल पंप में डकैती की घटना के दौरान पुलिस ने कर्ण, रतिकांत, मुन्ना और सुरजीत को गिरफ्तार किया था. उस वक्त भी अदालत परिसर से भाग निकला था कर्ण. आठ जनवरी, 2016 को हल्दिया के मेचेदा स्थित कपासएड़ा ब्रिज के निकट महिषादल थाना के कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या की गयी थी.
पुलिसकर्मी की हत्या का आरोपी है कर्ण
इस घटना का मूल आरोपी कर्ण था. घटना के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिये कर्ण दक्षिण 24 परगना जिला के सोनारपुर इलाके में मजदूरी का काम कर रहा था. पुलिस ने उसे सोनारपुर से गिरफ्तार किया. दूसरी बार गिरफ्तार करने के बाद भी कर्ण उसी साल दो मई को अदालत परिसर से भागने मेें फिर कामयाब रहा. काफी तलाशी के बाद 13 मई, 2016 क पुलिस ने कांथी के मजिलापुट स्थित एक घर से उसे दबोचा.
उसके बाद कांथी संशोधनागार में उसे नहीं रखकर कर्ण को मेदिनीपुर सेंट्रल संशोधनागार में रखा गया. सूत्रों के अनुसार कर्ण बार-बार धमकियां देता था कि मौका मिलते ही वह भाग जायेगा. कांथी अदालत परिसर में हुई घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिये हैं.
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