कोलकाता: टीटागढ़ स्थित लूमटेक्स इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थिति के लिए प्रबंधन नहीं, बल्कि इसका नक्सली यूनियन संग्रामी मजदूर यूनियन जिम्मेदार है. मिल प्रबंधन यहां उत्पादन जारी रखने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है, लेकिन इस नक्सली यूनियन की वजह से यहां उत्पादन ठप पड़ा हुआ है. ऐसा ही दावा मिल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य अनिल शर्मा व सुशील कुमार मूंधड़ा की ओर से जारी बयान में कहा गया है.
बताया गया है कि संग्रामी मजदूर यूनियन के दो नेता अलिक चक्रवर्ती व शर्मिष्ठा चक्रवर्ती हमेशा से ही मिल के कार्यो में बाधा पहुंचाने की साजिश करते हैं और उन्हें ऐसा करने के लिए कुछ बाहरी ताकतें भी उनको मदद कर रही हैं. इस मिल में प्रत्यक्ष रूप से 3000 श्रमिक कार्य कर करते हैं. लेकिन इस यूनियन की वजह से अन्य श्रमिकों को परेशानी हो रही है.
राज्य के श्रम मंत्री पुर्णेदु बसु के हस्तक्षेप से मई 2013 में मिल में उत्पादन शुरू हुआ था, लेकिन मिल में उत्पादन शुरू होते ही इस यूनियन ने श्रमिकों को उत्पादन बंद या कम करने के लिए यह यूनियन उन्हें उकसाने लगा. मिल की उत्पादन करीब 65 हैंड प्रति टन है, लेकिन जो कम होकर 30 हैंड्स प्रति टन हो गयी है. इस वजह से कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए प्रबंधन हर संभव प्रयास कर रहा है.
सात को त्रिपक्षीय बैठक
इस संबंध में राज्य के श्रम मंत्री पुर्णेदु बसु ने कहा कि सात फरवरी को मिल की समस्या के समाधान के लिए त्रिपक्षीय बैठक होगी. साथ ही उन्होंने ट्रेन अवरोध करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सभी मिलों में इस प्रकार की समस्याएं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई अपनी मांग को लेकर अन्य लोगों को परेशान करे. उन्होंने ट्रेन अवरोध करनेवाले यूनियन व लोगों को चिह्न्ति कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.