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सारधा घोटाला: तृणमूल सांसद सृंजय बोस गिरफ्तार, सीबीआइ ने की सोमेन मित्रा व श्यामापद मुखर्जी से पूछताछ

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सृंजय बोस को शुक्रवार को सीबीआइ ने छह घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ ने बोस के चार खातों पर रोक लगायी है. इसमें उनके विभिन्न निजी बैंकों में तीन व्यक्तिगत खाते व एक उनके नाम से प्रोफेशनल खाता, साहित्यिक […]

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सृंजय बोस को शुक्रवार को सीबीआइ ने छह घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ ने बोस के चार खातों पर रोक लगायी है.

इसमें उनके विभिन्न निजी बैंकों में तीन व्यक्तिगत खाते व एक उनके नाम से प्रोफेशनल खाता, साहित्यिक प्रकाशन का है, जिसके वह मालिक हैं. तृणमूल सांसद पर सारधा समूह के मालिक सुदीप्त सेन को धमकी देकर व ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठने का आरोप है. शुक्रवार सुबह सीबीआइ उन्हें पत्र देकर पूछताछ के लिए बुलाया था.

सवालों की बनायी थी सूची

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को सीबीआइ मुख्यालय सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सृंजय बोस अपनी कार से पहुंचे और दफ्तर के अंदर गये. वहां उनसे पूछताछ करने के लिए सीबीआइ की तरफ से सवालों की सूची बनायी गयी थी. एक घंटे तक उनसे कई सवाल पूछे गये. लेकिन शुरुआत में बोस कुछ सवालों के जवाब देने में आनाकानी करते रहे. कुछ सवालों का जवाब याद नहीं कहकर टाल दिये. उनके इस रवैये से पूछताछ का समय बढ़ता गया. लगातार जवाब से मुकरने, उचित जवाब नहीं देने व मामले में जुड़े होने होने के आरोप में छह घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

कौन हैं सृंजय बोस
सृंजय बोस ने राज्य की राजनीति में अपने पिता व राज्यसभा के पूर्व तृणमूल सांसद स्वपन साधन बोस उर्फ टूटू बोस की मदद से कदम रखा. राजनीति के साथ ही सृंजय बोस ने फुटबॉल जगत में भी कदम रखा. इसके बाद वह मोहन बागान क्लब के बड़े पद पर चुने गये. इसके साथ ही वह एक मीडिया कंपनी की आड़ में अपने व्यापार को बढ़ाते चले गये. सत्ता में तृणमूल के आने के बाद सृंजय बोस को राज्य सभा का सांसद बनाया गया.

इस दौरान उनकी मुलाकात सुदीप्त सेन से हुई. सुदीप्त के चैनल को एडियोरियल सपोर्ट देने के तौर सृंजय ने सुदीप्त की कंपनी सारधा मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ अपनी कंपनी ‘प्रतिदिन प्रकाशनी प्राइवेट लिमिटेड’ को लेकर एक नयी कंपनी बनायी. सुदीप्त के चैनल को एडिटोरियल सपोर्ट देने के तौर पर वह प्रतिमाह उनसे 60 लाख रुपये लेते थे. इस हिसाब से उन्होंने सुदीप्त से दो वर्षो में तकरीबन 20 करोड़ रुपये लिये. लेकिन प्रतिमाह 60 लाख में से 24 से 25 लाख रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा था. पूछताछ में वह जवाब नहीं पा रहे थे. लिहाजा दो वर्ष में कुल दो करोड़ से ज्यादा रुपये हासिल करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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