कोलकाता: बुधवार को भी तीन हजार से ज्यादा जूट श्रमिक बेरोजगार हो गये. श्यामनगर की वेवर्ली जूट मिल प्रबंधन ने श्रमिक असंतोष का कारण बता कर मिल में तालाबंदी कर दी. बुधवार को दिन में 12 बजे सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस जारी कर दिया गया. रविवार को चापदानी की नॉर्थ ब्रूक जूट मिल के सीइओ एचके माहेश्वरी की हत्या के बाद से चार जूट मिलें बंद हो चुकी हैं.
श्रमिकों के हमले में सीइओ की मौत के बाद नॉर्थ ब्रूक जूट मिल प्रबंधन ने मिल में काम बंद कर दिया. मंगलवार को उत्तर 24 परगना के जगदल स्थित ऑकलैंड जूट मिल और हावड़ा के घुसुड़ी की श्री हनुमान जूट मिल में भी प्रबंधन ने श्रमिक असंतोष बता कर सस्पेंशन ऑफ वर्क की घोषणा कर दी. चार दिन के अंदर चार मिलें बंद होने से जहां 11 हजार से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गयी है, वहीं पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं. उधर, आठ जूट मिलों के सीइओ ने बुधवार को हुगली जिले के पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर मिल परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की मांग की है.
वेवर्ली मिल के श्रमिकों ने दिया धरना
बुधवार को वेवर्ली जूट मिल बंद होने की सूचना मिलते ही श्रमिकों में नाराजगी फैल गयी. उन्होंने मिल खोलने की मांग में गेट पर धरना दिया. बाद में जगदल थाने से बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और हालात को काबू में किया. मजदूरों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन काफी दिनों से पीएफ की राशि जमा नहीं कर रहा है. श्रमिकों को ग्रेच्युटी की रकम भी नहीं मिल रही है. मिल पर पीएफ का 40 करोड़ रुपये बकाया है. श्रमिक पीएफ और ग्रेच्युटी की रकम से वंचित हो रहे हैं. आरोप है कि इसे लेकर श्रमिक यूनियन इंटक और फारवार्ड ब्लॉक के दो नेताओं ने मिल के उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ सिंह से बदसलूकी की थी. इस घटना के बाद प्रबंधन ने दोनों यूनियन नेताओं को सुरक्षा कर्मी की मदद से मिल से बाहर करवा दिया था. इसके विरोध में सुबह की पाली में काम करने वाले श्रमिक हड़ताल पर चले गये.
दूसरी पाली के श्रमिकों ने भी काम पर जाने से मना कर दिया. इस संबंध में मिल के महाप्रबंधक (कार्मिक व प्रशासन ) प्रवीण कुमार पांडेय ने बताया कि दो श्रमिक यूनियन नेताओं ने मंगलवार शाम को मिल के उपाध्यक्ष के साथ बदसलूकी की. अनुशासन तोड़ने के लिए उन दोनों श्रमिक नेताओं को मिल गेट के बाहर निकाल दिया गया था. घटना के विरोध में सुबह से श्रमिकों ने हड़ताल शुरू कर दी. इस वजह से प्रबंधन ने दोपहर 12 बजे मिल बंद कर दिया. उन्होंने श्रमिकों के पीएफ की राशि बकाया होने की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि श्रमिक यूनियन नेता इसे मुद्दा बना कर श्रमिकों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. सभी कर्मचारियों के पीएफ की राशि सही समय पर जमा हो रही है. उन्होंने कहा कि उनकी मिल में सप्ताह में छह दिन काम होता है. कुछ श्रमिक यूनियन ओवरटाइम को बंदा करा कर मिल को सात दिन चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हर दिन मिल चलाने के लिए 45 से 50 टन कच्च माल लगता है. कच्च माल की उपलब्धता में समस्या होने की वजह से मिल को सात दिन चला पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हुगली के भद्रेश्वर स्थित जूट मिल के सीइओ की हत्या के बाद मिल में प्रबंधन पद पर आसीन अधिकारी भी आतंकित है. मिल खोलने के लिए बाद में श्रमिक यूनियन नेताओं के साथ बैठक की जायेगी.