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प्रमोटर की हत्या की गुत्थी सुलझी, दो लाख में हुआ था का सौदा, तीन सुपारी किलर समेत आठ गिरफ्तार
कोलकाता : विधाननगर कमिश्नरेट अंतर्गत न्यूटाउन के पाथरघाटा इलाके में प्रमोटर व पेशे से अमीन चंचल मंडल (46) की हत्या मामले में पुलिस ने 48 घंटे के अंदर ही मामले को सुलझाते हुए तीन सुपारी किलर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों के पास से तीन रिवाल्वर व पांच राउंड कारतूस बरामद […]
कोलकाता : विधाननगर कमिश्नरेट अंतर्गत न्यूटाउन के पाथरघाटा इलाके में प्रमोटर व पेशे से अमीन चंचल मंडल (46) की हत्या मामले में पुलिस ने 48 घंटे के अंदर ही मामले को सुलझाते हुए तीन सुपारी किलर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों के पास से तीन रिवाल्वर व पांच राउंड कारतूस बरामद किये गये हैं.
सोमवार देर रात को दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग समेत विभिन्न इलाकों से उन्हें गिरफ्तार किया गया. प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि दो लाख रुपये में मौत का सौदा हुआ था. इसके लिए तीन सुपारी किलर नियुक्त किये गये थे.
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आठों के नाम अजीतेश हालदार (38), सुभाष मंडल (38), विकास मंडल (35), नीलमाधव साहा (34), मोहम्मद रफीक मोल्ला उर्फ मोहम्मद भाई (32), मोहर लस्कर (42), शेख सिराजुल उर्फ राजा उर्फ पगला (42) और शेख रफीक उर्फ शेख रकीबुल (25) हैं. अजीतेश और विकास पाथरघाट बाजार, सुभाष नतूनपुकुर, निलमाधव और मोहर दक्षिण 24 परगना, शेख सिराजुल और शेख रफीक पूर्व मेदिनीपुर के निवासी हैं. इनमें रफीक मोहर अली लस्कर, शेख सिराजुल उर्फ राजा और शेख रफीक उर्फ रबीकुल तीनों सुपारी किलर हैं. बाकी पांचों षडयंत्र कर हत्या की साजिश रचे थे.
कभी थे दोस्त, बाद में बन गये जानी दुश्मन
चंचल कभी विकास के बचपन का दोस्त था. विकास का व्यावसायिक दोस्त अजीतेश है. विकास और चंचल दोनों एक ही इलाके में रहते थे. लेकिन विकास को नहीं बताकर उसकी एक जमीन एक व्यक्ति को चंचल ने लीज पर दे दिया था. इसके पहले चंचल वह जमीन खुद अपने नाम पर कर लिया था. इसके बाद ही विकास के साथ विवाद शुरू हुआ था.
इधर, चंचल पाथारघाट इलाके में जमीन की दलाली में अच्छी पैठ जमा चुका था. इसके बाद विकास का व्यवसाय नुकसान में चल रहा था. इसे देख अजीतेश ने विकास को अपना दबदबा बनाये रखने के लिए कहा, फिर दोनों ने मिलकर चंचल को रास्ते हटाने की साजिश रची और इसके लिए और तीन लोगों को अपने साथ मिलाया. फिर तीन सुपारी किलर को लाया गया.
मौत की साजिश के लिए हुई थी मीटिंग
विधाननगर के डीसी (मुख्यालय) अमित पी ज्वालगी ने बताया कि गिरफ्तार सभी से पूछताछ में पता चला है कि अजीतेश हालदार और विकास मंडल ही मुख्य साजिशकर्ता हैं. इनका जमीन के व्यवसाय को लेकर ही चंचल से विवाद चल रहा था. इसके बाद ही इन लोगों ने मिलकर हत्या की साजिश रची.
इसमें अजीतेश ने पेशे से अमीन नीलमाधव से संपर्क किया. उसने फिर व्यवसायी मोहम्मद रफीक मोल्ला से और उसने मोहम्मद भाई से संपर्क किया. इन सबने किराये पर हत्या के लिए षडयंत्र रचा और तीन सुपारी किलर नियुक्त किया. दुर्गापूजा के दौरान ही अजीतेश के घर में ही दो लाख रुपये में हत्या का सौदा करते हुए सुपारी दी गयी थी.
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