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जमीन किसी की और बेच दिया किसी और को, भूमाफिया के खिलाफ थाने में मामला दर्ज

सिलीगुड़ी : जमीन की हेराफेरी का एक ज्वलंत मामला फिर सामने आया है. 9 लाख रूपया देकर जमीन खरीदने के बाद कागज के बदले जान से मारने की धमकी मिली. और तो और जमीन खरीदने वाला व्यक्ति पिछले तीन दिन से खुद लापता है. गुरूवार को लापता व्यक्ति देव शरण महतो की पत्नी मीना देवी […]

सिलीगुड़ी : जमीन की हेराफेरी का एक ज्वलंत मामला फिर सामने आया है. 9 लाख रूपया देकर जमीन खरीदने के बाद कागज के बदले जान से मारने की धमकी मिली. और तो और जमीन खरीदने वाला व्यक्ति पिछले तीन दिन से खुद लापता है. गुरूवार को लापता व्यक्ति देव शरण महतो की पत्नी मीना देवी ने प्रधान नगर थाने में अपहरण का मामला इलाके के भूमाफियाओं के खिलाफ नामजद दर्ज कराया है. यह मामला सामने आने से सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना अंतर्गत चंपासारी इलाके में खलबली मच गयी है. प्रधान नगर थाना पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष मीना देवी का बयान रिकार्ड कराया है.
मिली जानकारी के अनुसार चंपासारी के पोकाई जोत स्थित नई काली मंदिर के बगल में चहारदीवारी से घिरी चार कट्ठे की एक जमीन है. मिली जानकारी के अनुसार इस जमीन का खतियान अनिता सिंह के नाम पर था. वर्ष 2004 में पड़ोसी राज्य बिहार निवासी प्रतिमा कुमारी गुप्ता ने अनिता देवी से यह जमीन खरीद ली और चहारदीवारी करवा दिया.
बाद में प्रतिमा कुमारी गुप्ता ने जमीन की पावर ऑफ एटोरनी अपनी एक रिश्तेदार सिलीगुड़ी निवासी सरस्वती प्रसाद विश्वास के नाम करी. तब से सरस्वती ही इस जमीन की देखरेख करती है. आरोप है कि काली मंदिर प्रबंधन कमिटी व इलाका निवासी श्याम यादव व उसके लोगों ने मंदिर विकास के लिए 50 हजार रूपए की मांग की. उस समय प्रतिमा कुमारी ने 5 हजार रूपये का चंदा दिया था. वर्ष 2015 में चहारदीवारी से घिरी उस जमीन पर देव शरण महतो घर बनाकर रहने लगा.
सरस्वती प्रसाद को देव शरण ने बताया कि उसने श्याम यादव से यह जमीन 9 लाख रूपये में खरीदी है. इसके बाद सरस्वती प्रसाद विश्वास ने देव शरण महतो पर जबरन जमीन कब्जा करने का आरोप लगाकर वर्ष 2017 में प्रधान नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी. आरोप है पिछले एक वर्षों से पुलिस इस मामले को दबाकर बैठी थी.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भूमाफियाओं पर नकेल कसने की कवायद शुरू करने से सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाके में अपनी जमीन से हाथ धो चुके लोगों की आस फिर से जागी और कई तो फिर से अपनी शिकायत लेकर पुलिस थाने में हाजिर हुए. सरस्वती प्रसाद विश्वास भी फिर से अपनी फरियाद लेकर प्रधान नगर थाना पहुंची.
इसके बाद पुलिस हरकत में आयी और मामले की छानबीन में जुट गयी. पुलिस छानबीन से देव शरण महतो की परेशानी बढ़ी. फिर देव शरण ने श्याम यादव पर कागज के लिए दबाव बनाया. आरोप है कि बीते मंगलवार की शाम करीब तीन बजे श्याम यादव के दो लोग देव शरण को घर से मोटर साइकिल पर बैठाकर कहीं ले गये. उसके बाद से देव शरण का कोई पता नहीं चल रहा है. तीन दिन बाद भी देव शरण की कोई जानकारी न मिलने से परिवार के लोग परेशान हैं. श्याम यादव के जीवन पर भी खतरे की संभावना पुलिस जता रही है.
पुलिस फिर से जुटी जांच में
प्रधान नगर थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सरस्वती प्रसाद विश्वास की शिकायत की जांच की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ मीना देवी ने भी अपने पति देव शरण के अपहरण का मामला दर्ज कराया है. मीना देवी को गुरूवार अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान रिकॉर्ड कराया गया. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
क्या है गड़बड़झाला
देव शरण पेशे से एक सब्जी व्यवसायी है. पहले वह अपने परिवार के साथ 46 नंबर वार्ड के ही राजीव नगर इलाके में रहता था. करीब तीन वर्ष पहले ही वह पोकाईजोत की इस जमीन पर आ बसा. बुधवार को प्रधान नगर थाने में देव शरण की पत्नी मीना देवी महतों ने बताया कि श्याम यादव को 9 लाख रूपए देकर चार कट्ठे में से दो कट्ठा जमीन खरीदी थी. श्याम यादव ने खुद को उस जमीन का मालिक बताया था. 9 लाख रूपया देने के बाद श्याम ने एक कागज बनाकर दिया था लेकिन वह कागज फर्जी है.
करीब एक वर्ष पहले सरस्वती प्रसाद नामक किसी महिला ने उस पर मालिकाना हक जताकर थाने में शिकायत दर्ज करायी. उसके बाद से पुलिस उन्हें परेशान करने लगी. जांच शुरू होने पर इन लोगों ने श्याम द्वारा मुहैया जमीन के कागजात पुलिस को देने की पहल की. लेकिन श्याम यादव ने उन कागजात को पुलिस को सौंपने से रोक दिया. जमीन के असली कागजात की मांग करने पर श्याम यादव व उसके लोग जान से मारने की धमकी देने लगा.
दो बाइक सवार ले गये देव शरण को
बीते मंगलवार की शाम देव शरण घर पर ही था. उसे एक फोन आया और वह फोन पर बात करते-करते बाहर निकला. गेट पर एक मोटर साइकिल खड़ी थी जिसपर दो लोग सवार थे.वे दोनों देव शरण को साथ लेकर कहीं चले गये. कुछ घंटे बाद देव शरण का मोबाइल भी बंद हो गया. उसके बाद से उसका कोई पता नहीं है.
इधर जमीन की असली मालिक प्रतिमा कुमारी गुप्ता की रिश्तेदार सह पावर ऑफ अटॉरनी धारक सरस्वती प्रसाद विश्वास ने बताया कि वह जमीन वर्ष 2004 में खरीदी गयी थी. मीना देवी व उसका परिवार उस जमीन पर जबरन कब्जा कर बैठे हैं. एक वर्ष पहले बीएलआरओ ने भी प्रतिमा कुमारी गुप्ता के नाम पर जमीन का मालिकाना प्रमाण पत्र दे दिया है. बीएलआरओ ने उसकी एक प्रति पुलिस को भी दी थी. लेकिन एक वर्ष बाद भी पुलिस उस जमीन पर अवैध कब्जा जमाये बैठे मीना देवी के परिवार को हटा नहीं पायी है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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