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सपा नेता आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में लगा था 450 करोड़ ब्लैक मनी, फर्जी कंपनियों के नाम से हुई थी फंडिंग

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में 450 करोड़ रुपए की काली कमाई लगाई गई है. आयकर विभाग (IT) की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि जिन कंपनियों ने जौहर यूनिवर्सिटी को फंडिंग की है उनका धरातल पर कोई अस्तित्व ही नहीं है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. जांच एजेंसियों की शिंकजा लगातार कसता जा रहा है. आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सपा नेता के जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) में 450 करोड़ रुपए की काली कमाई लगाई गई है. सोमवार को भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने जांच रिपोर्ट के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि जिन कंपनियों ने जौहर यूनिवर्सिटी को फंडिंग की है उनकी धरातल पर कोई अस्तित्व ही नहीं मिला है. आयकर विभाग को पूछताछ के दौरान खुद आजम खां ने इन कंपनियों की लिस्ट दी थी. वहीं जांच रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि जौहर ट्रस्ट को दान देने वाले ऐसे लोग भी मुकर गए, जिनकी लिस्ट खुद आजम खां ने आयकर विभाग को दी थी. बीते 13 सितंबर की सुबह 7 बजे आयकर विभाग की टीम ने आजम खां और उनके करीबियों के यहां छापेमारी की थी. यह छापेमारी उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश तक की गई थी. रामपुर में आजम खां की कोठी पर भी छापा पड़ा था. यहीं उनके बेहद करीबी सपा विधायक नसीर खां, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम के घर की भी आयकर विभाग की टीम ने छानबीन की थी.

  • आजम खां ने किया सरकारी विभागों के धन का दुरुपयोग

  • यूनिवर्सिटी में लगा है प्रदेश के ठेकेदारों का इतना प्रतिशत कमीशन

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आजम खां ने किया सरकारी विभागों के धन का दुरुपयोग

जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आजम खां अपनी यूनिवर्सिटी की कीमत 46 करोड़ बताते हैं, जबकि इन इमारतों की वास्तविक कीमत 494 करोड़ रुपए है. इस तरह 450 करोड़ रुपए का निवेश छिपाया गया, जो गलत तरीके से अर्जित किया गया है. इसमें यूनिवर्सिटी में अधिग्रहीत की गई जमीन और अन्य चल संपत्तियां शामिल नहीं हैं. इसके अलावा 88 करोड़ रुपए जल निगम, लोक निर्माण विभाग जैसी सरकारी विभागों के लगे हुए हैं. इनसे अलग-अलग योजना के तहत कार्य कराए गए हैं. जैसे ड्रेनेज सिस्टम, सड़कों और इमारतों का निर्माण शामिल है. वहीं, आयकर विभाग ने जब आजम खां से पूछताछ की, तो उन्होंने जौहर ट्रस्ट को चंदा देने वालों के नाम तो बताए लेकिन आयकर विभाग ने जब उन दानदाताओं से पूछा तो उन्होंने जौहर ट्रस्ट को किसी भी प्रकार का चंदा देने से इनकार कर दिया. सूत्र बताते हैं कि आयकर विभाग ने यह भी माना है कि आजम खां ने सपा सरकार में मंत्री रहते हुए अपनी ताकत को गलत इस्तेमाल किया और अपने निजी स्वार्थ को गलत तरीके से पूरा किया है.

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यूनिवर्सिटी में लगा है प्रदेश के ठेकेदारों का इतना प्रतिशत कमीशन

आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में ठेकेदारों का 30 से 40 प्रतिशत पैसा लगता था. भाजपा विधायक आकाश सक्सेना के मुताबिक आयकर विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है. आजम खां के जौहर ट्रस्ट को अस्तित्व विहीन कंपनियों ने ही करोड़ों रुपए का चंदा दे दिया. आकाश सक्सेना के अनुसार इसमें लखनऊ की पिरामिड कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स, मुरादाबाद की सालार ओवरसीज लिमिटेड और फेज परवीन, दिल्ली की एआर एजुकेशन ट्रस्ट, रामीगेट इन्फ्रा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बहराइच की मोहम्मद हसीब, नोएडा की सिटी एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी और अर्थ कम्यूनिकेशन इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, रॉयल एम्पोरिया फ्रा टेक कंपनी शामिल हैं। इन कंपनियों ने जौहर ट्रस्ट को करोड़ों रुपए का चंदा दिया. आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ईडी पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) और फेमा के तहत केस दर्ज कर सकती है. इसके पीछे की वजह गैरकानूनी तरीके से हुए रुपए का लेन-देन है, वह इसके दायरे में आता है. इसके अलावा विदेशी मुद्रा के लेन-देन की भी जानकारी सामने आई है.

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