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अतीक-अशरफ हत्याकांड: जांच आयोग और SIT की राह नहीं आसान, जानें कौन हैं पड़ताल करने वाले दो पूर्व जज और IPS अफसर

अतीक-अशरफ हत्याकांड: अतीक अहमद का भाई अशरफ मौत से पहले गुड्डू मुस्लिम को लेकर आखिर क्या बताना चाहता था, ये भी सवालों में है. न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी को मामले की तह तक जाने के लिए कई सवालों के जवाब खोजने होंगे. तीनों हत्यारोपियों के के दावों पर यकीन करना भी मुश्किल है.

Atique-Ashraf Murder: प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ हत्याकांड के बाद अब मामला न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी के बीच सिमट कर रहा गया है. जांच पड़ताल में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है.

मौत से पहले आखिर क्या बताना चाहता था अशरफ

अतीक अहमद का भाई अशरफ मौत से पहले गुड्डू मुस्लिम को लेकर आखिर क्या बताना चाहता था, ये भी सवालों में है. न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी को मामले की तह तक जाने के लिए कई सवालों के जवाब खोजने होंगे. पुलिस रिमांड में सनसनीखेज तरीके से दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों हत्यारोपियों के बारे में भले ही ये कहा जा रहा है कि उन्होंने खुद बड़ा माफिया बनने की चाहत में ऐसा किया. लेकिन इस पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है.

कई सवालों की तह तक जाना जरूरी

हत्यारों ने जिस पेशेवर अंदाज में घटना को अंजाम दिया है, उससे जाहिर हो रहा है कि उनकी योजना कितनी फुलप्रूफ थी. इसके साथ ही शूटआउट में जिस ‘जिगाना’ पिस्टल का इस्तेमाल किया गया, वह इन लोगों तक कैसे पहुंची, ये भी जांच का विषय है. तीन हत्यारोपियों का नेटवर्क इतना बड़ा नहीं हो सकता कि वह ऐसे हथियार का इस्तेमाल कर सकें.

हत्यारोपी सनी सिंह का सुंदर भाटी गैंग से कनेक्शन होने की बात कही जा रही है. लेकिन, ये गैंग अतीक अहमद और अशरफ की हत्या क्यों कराएगा, ये भी अभी तक साफ नहीं हो पाया है. वहीं घटना को पंजाब के असलहा तस्करों से भी जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा कई ऐसे सफेदपोशों के भी वारदात से तार जुड़े होने की बात कही जा रही है. ऐसे में न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी इन बिंदुओं पर भी पड़ताल करेगी.

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मामले में योगी सरकार का निर्णय

इस पूरे प्रकरण में योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्णय की बात करें तो इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग दो माह में जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह व पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी बतौर सदस्य शामिल हैं.

कौन हैं न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी

इलाहाबाद हाई कोर्ट में आठ जनवरी 2015 तक न्यायमूर्ति रहे अरविंद त्रिपाठी 17 अप्रैल 2012 को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति बने थे. वह ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से विधि में स्नातक हैं. उन्होंने 1974 में वकालत प्रारंभ की. इसके बाद 1978 से 1996 में उच्च न्यायिक सेवा में रहे और वर्ष 2007 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए. उन्हें 17 अप्रैल, 2012 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में प्रमोशन मिला. इसके बाद अरविंद कुमार त्रिपाठी 6 अगस्त 2013 को स्थायी जज बने.

कौन हैं सेवानिवृत्त डीजे बृजेश सोनी

रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी प्रदेश में अपर विधि परामर्शी तथा अपर जिला जज भी रहे हैं. इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने उनको अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल किया था. इस आयोग ने निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण निर्धारित किया है और निकाय चुनाव की प्रक्रिया जारी रही है.

जानें रिटायर्ड आईपीएस अफसर सुबेश सिंह के बारे में

अपराध शाखा के पद से रिटायर्ड सुबेश कुमार सिंह एडीजी एसटीएफ व एटीएस के पद पर रहे. 1984 बैच में आईपीएस अफसर सुबेश कुमार सिंह ने पिथौरागढ़, मऊ, जौनपुर, देहरादून, फैजाबाद, गोरखपुर में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया. वह एडीजी एसटीएफ, एटीएस, कानून व्यवस्था, कार्मिक व एडीजी ट्रेनिंग के पद पर भी कार्यरत रहे. इसके साथ ही ईओडब्ल्यू के डीजी और राज्य सूचना आयुक्त भी रहे.

दोनों एसआईटी मामले के खुलासे के लिए इस तरह करेगी काम

इसके साथ ही यूपी पुलिस ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है. स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के निर्देश पर एसआईटी बनाई गई है. इसमें प्रयागराज के अपर पुलिस उपायुक्त अपराध सतीश चंद्र को मुख्य विवेचक, सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी तथा निरीक्षक ओम प्रकाश को सह-विवेचक बनाया गया है.

वहीं यूपी पुलिस के महानिदेशक आरके विश्वकर्मा ने कहा कि सही तरीके से समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय निगरानी टीम का भी गठन किया गया है. टीम का अध्यक्ष एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर को बनाया गया है. भानु भास्कर का सीबीआई लंबा अनुभव देखते हुए उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ के निदेशक डॉ. सुनील कुमार को सदस्य बनाया गया है.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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