लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सपा का दंगल थमने का नाम नहीं ले रहा है, ज्योंही ऐसा महसूस होता है कि अब सबकुछ ठीक हो जायेगा, कोई शिगूफा छोड़ दिया जाता है और पूरा खेल बिगड़ जाता है. कल जब अखिलेश ने मुलायम के सामने सुलह की पेशकश की, तो ऐसा प्रतीत हुआ कि अब […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सपा का दंगल थमने का नाम नहीं ले रहा है, ज्योंही ऐसा महसूस होता है कि अब सबकुछ ठीक हो जायेगा, कोई शिगूफा छोड़ दिया जाता है और पूरा खेल बिगड़ जाता है. कल जब अखिलेश ने मुलायम के सामने सुलह की पेशकश की, तो ऐसा प्रतीत हुआ कि अब सबकुछ ठीक हो जायेगा, लेकिन मामला फिर फंस गया. कई मुद्दे हैं जिनपर अखिलेश और मुलायम एकमत नहीं हैं, ऐसा ही एक मुद्दा है, मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अर्पणा यादव की राजनीति और पार्टी में इंट्री. मुलायम सिंह यादव ने उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें अर्पणा को लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया है.
अखिलेश नहीं चाहते अर्पणा की राजनीति में इंट्री
अर्पणा को लखनऊ कैंट से टिकट दिये जाने के फैसले पर अखिलेश भड़क गये हैं, वे यह बिलकुल नहीं चाहते कि अर्पणा की राजनीति में इंट्री हो. अर्पणा की इंट्री से पार्टी में सत्ता के दो केंद्र हो सकते हैं, जो अखिलेश को बिलकुल भी पसंद नहीं है. वे यह नहीं चाहते हैं कि मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का परिवार राजनीति में कदम रखे, यही कारण है कि उन्होंने वर्ष 2014 में प्रतीक यादव की इंट्री को रोक दिया था.
महत्वाकांक्षी हैं अपर्णा यादव
अपर्णा यादव इस बात से नाखुश रहती हैं कि मुलायम सिंह ने अखिलेश को अपना वारिस घोषित किया है प्रतीक को नहीं. अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिये हैं जो सपा के लिए परेशानी का सबब बनते रहे हैं. अपर्णा ने मोदी की तारीफ में भी बयानबाजी की है. अपर्णा चाहती हैं कि उन्हें भी राजनीति में भागीदारी मिले. जानकारों का कहना है कि अपर्णा को अगर सपा टिकट नहीं देगी तो वह दूसरी पार्टी से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.