लखनऊ : सपा के पारिवारिक घमसान के बीच उत्तर प्रदेश के विवादास्पद मंत्री आजम खां ने आज कहा कि मुसलमान किसी बेभरोसा राजनीतिक ताकत के सहयोगी नहीं बनना चाहते हैं. आजम ने यहां एक बयान में कहा कि मुसलमानों का बुद्धिजीवी वर्ग और स्वयं मुसलमान अपना अच्छा बुरा-भला प्रकार से जानते हैं. मुसलमान मुद्दों पर तथा मजबूत राजनीतिक पकड़ वाले दल या व्यक्तित्व की ओर भी अपनी नजर जमाये हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश और देश के राजनीतिक क्रम में सबसे ज्यादा मुसलमान परेशान हैं क्योंकि उनको अपना भविष्य बहुत अंधकारमय नजर आ रहा है. उनका टूटता बिखरता सपना सबके सामने है.
आजम ने कहा कि मुसलिम नेतृत्व और स्वयं मुसलमान भी सही मायनों में धर्म निरपेक्ष हिन्दुओं के साथ ही चलना चाहते हैं कि लेकिन ना तो हारी हुई लड़ाई लड़ना चाहते हैं और ना ही बेभरोसा राजनीतिक ताकत के सहयोगी बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि बिना कुछ किये सभी ने मुसलिम वोटों को अपनी जागीर समझ लगता है. ना तो मुसलमान पानी का बुलबुला है और ना ही थाली का बैगन है, जिसे कहीं भी लुढ़का दिया जाये. मुसलमानों की हालात पर पैनी नजर है और फैसला लेने में काफी समय है. फैसला अवश्य ही ऐसा होगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में ना बन सके.

