लखनऊ : दृष्टि बाधित यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने एक उपयोगी पहल की है. ट्रेन के डिब्बों और सीटों पर ब्रेल लिपि में संकेतक लगायेगये हैं, जिससे ऐसे यात्री बिना किसी की मदद के अपनी सीट तक पहुंच पायेंगे. उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के कुल 1452 यात्री डिब्बों में से अब तक 552 डिब्बों में ब्रेल संकेतक लगा दियेगये हैं और 100 अन्य डिब्बों में ये संकेतक लगाने की प्रक्रिया चल रही है. शेष 800 डिब्बों में भी निकट भविष्य में यह सुविधा प्रदान कर दी जायेगी. इन विशेष संकेतकों की मदद से दृष्टि बाधित लोग सही कोच और सही नंबर की सीट तक बिना किसी की मदद के पहुंच सकेंगे.
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक एमसी चौहान ने ‘भाषा’ को बताया कि उत्तर मध्य रेलवे दृष्टि बाधित यात्रियों की यात्रा आसान बनाने के लिए बहुत तेजी से प्रयास कर रहा है. ब्रेल लिपि में संकेतक इन्हीं प्रयासों का हिस्सा हैं. लुई ब्रेल ने इस खास लिपि का अविष्कार किया था, जिसमें उभरे हुए बिंदुओं के एक समूह से एक अक्षर बनता है जिसको दृष्टि बाधित लोग स्पर्श से पढ़ पाते हैं. दुनियाभर में दृष्टिबाधित लोग इसी लिपि के जरिये पढ़ते हैं.
चौहान ने बताया कि, उत्तर मध्य रेलवे के 100 प्रतिशत यात्री डिब्बों पर अंकित सूचनाओं को दृष्टि बाधित यात्रियों के लिए सहज पठनीय बनाने का लक्ष्य रखा गया है. उत्तर मध्य रेलवे की प्रमुख रेलगाड़ियों जैसे प्रयागराज एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, इलाहाबाद-ऊधमपुर एक्सप्रेस, कानपुर-नयी दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस एवं इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में ब्रेल संकेतक लगा दियेगये हैं और नयी दिल्ली-आगरा इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा आगरा-झांसी एक्सप्रेस में यह कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इन रेलगाड़ियों में डिब्बों और सीटों पर ब्रेल लिपि में नंबर दर्ज होने के अलावा ट्रेनों में उपलब्ध सुविधाओं एवं उनके इस्तेमाल के बारे में जरूरी निर्देश आदि ब्रेल में अंकित किये गये हैं. इन संकेतकों को इस तरह से बनाया गया है कि बार-बार के इस्तेमाल के बाद भी इनकी गुणवत्ता बनी रहेगी.