लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के चुनाव के लिये सूबे के राजनीतिक दल नयी रणनीति बनाने में जुट गये है. एक तरफ तो समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी जीत के लिये नयी रणनीति बना रही हैं. वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर उच्च सदन में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिये प्रयास करेगी. उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा 10 में से नौ सीटें जीत कर उत्साह में है और अपने सहयोगियों की बदौलत परिषद के चुनाव में भी मजबूत स्थिति में है.
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग के बयान के अनुसार प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर 26 अप्रैल को चुनाव होगा. वर्तमान में 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में भाजपा के 13 सदस्य, समाजवादी पार्टी के 61 सदस्य, बसपा के 9, कांग्रेस के 2, रालोद का एक तथा 12 अन्य और दो सीटें रिक्त हैं. उत्तर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के मुताबिक एक प्रत्याशी को जीतने के लिये 29 पहली प्राथमिकता के वोट चाहिए. अंकगणित के अनुसार भाजपा और उसके सहयोगी संगठन 13 सीटों में से 11 सीटें आसानी से जीत सकते हैं. इसके बाद भी उसके पास पांच अतिरिक्त वोट बचेंगे.
भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी के मुताबिक, हमारी पार्टी परिषद के चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल करेगी. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन के मुताबिक सपा बसपा गठबंधन आसानी से दो सीटें जीत जायेगा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा और कांग्रेस के समर्थन से हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करेगा. इस परिषद के चुनाव में भाजपा के पास पर्याप्त सदस्य संख्या है और सामान्य लोकसभा चुनाव में हमारे पास जनता का अभूतपूर्व समर्थन है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश एल वेंकटेश्वरूलू द्वारा जारी बयान के अनुसार विधान परिषद की 13 सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है. नौ से 16 अप्रैल तक नामांकन होगा. 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी, नामांकन वापसी 19 अप्रैल को हो सकेगी तथा 26 अप्रैल को मतदान की तिथि घोषित की गयी है. मतगणना भी 26 अप्रैल को शाम पांच बजे के बाद होगी.
गौरतलब है कि पांच मई 2018 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत 13 विधान परिषद सदस्य रिटायर होंगे. विधान परिषद की 12 सीटें 5 मई को खाली हो रही हैं. जबकि, एक सीट पहले से ही खाली है. इनमें भाजपा से महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, नरेश उत्तम, राजेंद्र चौधरी, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर, विजय यादव, उमर अली खान, बहुजन समाज पार्टी से विजय प्रताप, सुनील कुमार चित्तौड़ तथा राष्ट्रीय लोकदल से चौधरी मुश्ताक शामिल हैं. खाली सीट अंबिका चौधरी की है जिन्होंने सपा से बसपा में जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था.