लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने देश में आतंकवाद का वित्तपोषण कर रहे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने रविवार को बताया कि दस्ते ने शनिवार को गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के रीवां में मारे गये छापों और पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिए ‘टेरर फंडिंग’ में मदद का जुर्म कबूल कर लिया है.
Illegal money supply network has been detected where Pakistan based people were in touch with 2 people from UP & MP and asked them to open bank accounts based on fake identification documents. 10 people have been arrested, investigation is being done: Asim Arun, IG ATS in Lucknow pic.twitter.com/NFhaFUAPc3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 25, 2018
उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों संजय सरोज, नीरज मिश्रा, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय, अंकुर राय, दयानंद यादव, नसीम अहमद तथा नईम अरशद में से कुछ लोगों के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं. अरुण ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिये अपने नेटवर्क के सदस्यों के संपर्क में रहता था और उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिए कहता था. वह बताता था कि कितना धन किस खाते में डालना है. इसके लिए इन भारतीय एजेंटों को 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. अभी तक एक करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की बात सामने आयी है.
Rs 10 cr worth financial transaction was done in those bank accounts. Money flow into those accounts was from Nepal, Pakistan and Qatar, and the flow of money was controlled by persons in Pakistan: Asim Arun, IG ATS in Lucknow pic.twitter.com/bQ8DkFuSpp
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 25, 2018
उन्होंने बताया कि अभी तक जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पकड़े गये लोगों के तार लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं. उनमें से कुछ लोग इसे लॉटरी फ्रॉड मान रहे थे, जबकि कुछ को साफ मालूम था कि यह आतंकी फंडिंग है. अरुण ने बताया कि जांच में यह खुलासा हुआ कि गिरफ्तार निखिल राय का नाम वास्तव में मुशर्रफ अंसारी है और वह कुशीनगर का रहनेवाला है. इस मामले में उसकी भूमिका की गहनता से जांच हो रही है.
उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होगी कि जिस धन का लेन-देन हुआ, वह किसके खाते में गया. इस मामले में संबंधित बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी और दोषी पाये जानेवालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, लगभग 42 लाख रुपये नकद, छह स्वैप मशीनें, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, एक देसी पिस्तौल और 10 कारतूस, बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों की पासबुक इत्यादि बरामद किये गये हैं.