लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज अवैध या नकली शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ मृत्युदंड और आजीवन कारावास का प्रावधान करने वाला एक विधेयक पेश किया. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में उत्तर प्रदेश आबकारी :संशोधन: विधेयक 2017 पेश किया. यह विधेयक इस संबंध में सरकार की ओर से सितंबर में लाये गये अध्यादेश की जगह लेगा.
विधेयक में नकली शराब पीने से मृत्यु होने की स्थिति में मृत्युदंड, आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान है, जो दस लाख रुपये तक हो सकता है किंतु पांच लाख रुपये से कम नहीं होगा. विधेयक में कहा गया कि अगर नकली शराब पीने की वजह से विकलांगता होती है तो आजीवन कारावास या कठोर कारावास की व्यवस्था है, जो दस वर्ष तक हो सकता है किंतु छह वर्ष से कम नहीं होगा. जुर्माने की राशि पांच लाख रुपये तक हो सकती है, किंतु यह तीन लाख रुपये से कम नहीं होगी.
नकली या जहरीली शराब के कारण मौत एवं विकलांगता के कुछ मामले प्रकाश में आने के बाद सितंबर में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश आबकारी कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था. सदन में आज पेश विधेयक में अवैध या नकली शराब के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधान और कड़े किये गये हैं.
दिल्ली और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां नकली शराब पीने के परिणाम स्वरुप मृत्यु होने की स्थिति में कठोर दंड का प्रावधान करने वाला कानून बनाने की प्रक्रिया चल रही है. उत्तर प्रदेश में नकली या जहरीली शराब पीने की वजह से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. गत जुलाई में आजमगढ में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गयी थी. लखनऊ के मलिहाबाद में 2015 में इसी तरह की घटना में 28 लोगों की मौत हो गयी थी.