लखनऊ : उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना में सत्तारुढ भाजपा लगातार बढ़त बनाये हुए है. महापौर पद की मतगणना में भाजपा 16 में से 14 सीटों पर बढत बनाये हुए है, जबकि बसपा दो सीटों पर आगे है. इस रुझान पर भाजपा ने खुशी जाहिर की है. पार्टी प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि यह चुनाव 2019 के लिए शुभ संकेत है. 2019 में एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आएगी. वहीं, नगर निकाय चुनाव के रुझानों पर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जनता का समर्थन हमें मिला है, इसका स्पष्ट संकेत मिल रहा है. भाजपा बनाम अन्य की लड़ाई तो 2014 में ही शुरू हो गयी थी.
यदि नगर पालिकाओं के चुनाव की बात करें तो मतगणना के रुझानों में भाजपा की बढत बनी हुई है. वर्ष 2012 के नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने 12 में से 10 महापौर की सीटें जीती थीं. इस बार अयोध्या, फिरोजाबाद, मथुरा तथा बुलंदशहर पहली बार नगर निगम के तौर पर चुनाव प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. बहरहाल, सभी परिणाम शुक्रवार शाम तक आ जाने की संभावना है. चूंकि नगर निगमों के चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से हुए थे, लिहाजा वहां नतीजे जल्दी आने की उम्मीद है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने रुझानों में भाजपा की बढत के बारे में कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस वैसे तो अलग लड़ रहे थे, लेकिन दरअसल वे एक-दूसरे के निकट रिश्तेदार बनकर लड़े. सपा और कांग्रेस यूपी के लड़के कहकर टायर-ट्यूब की तरह चुनाव लड़े थे, मगर वे पंक्चर हो गये. निकाय चुनावों के सम्भावित परिणाम हमारे लिये दायित्व बोध है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में नहीं बल्कि गड़बड़ी तो विपक्षी दलों की सोच में है. इन दलों ने जाति विशेष के लिये काम किया. उसे जनता ने नकारा है. हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास की नीति के तहत काम किया, जिसे जनता ने समर्थन दिया है.
सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि यह बड़ी दुखद बात है कि जहां ईवीएम से वोट पड़े, वहां भाजपा को काफी बढ़त है. यह हमारे लिये चिंता की बात है. हम इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. मालूम हो कि प्रदेश के 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिकाओं और 438 नगर पंचायतों के लिये तीन चरणों में गत 22, 26 और 29 नवम्बर को कुल करीब 52.5 प्रतिशत मतदान हुआ था. सम्पूर्ण 652 निकायों की गणना के लिए प्रदेश में 334 मतगणना स्थल स्थापित किये गये हैं जिनमें कुल 11,200 टेबल मतगणना के लिए लगायी गयी हैं. मतगणना में कुल 56,000 कार्मिक नियुक्त किये गये हैं.
मतगणना की निगरानी के लिए मतगणना स्थल पर सी.सी.टी.वी. कैमरे तथा वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गयी है. पहली बार नगरीय निकाय चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडा है. इन चुनावों को वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले जनता का मन टटोलने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मतगणना के दौरान शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए समस्त जिलों में आज रात 12 बजे तक पूर्ण शराब बन्दी है. मतगणना के दौरान तथा निर्वाचन परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी प्रकार के विजय जुलूस पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
पहली परीक्षा में योगी हुए पास
इस निकाय चुनाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है. 2019 से पहले भाजपा के लिए नगर निकाय के चुनाव सेमी फाइनल की तरह हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी इस पहली परीक्षा में विशेष योग्यता के साथ पास होते दिख रहे हैं.