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Government Job vacency : एमएमएमयूटी में110 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता हुआ साफ, पुराना विज्ञापन निरस्त

government jobs : एमएमएमयूटी में 110 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है.जल्दी ही इन सीटों पर शिक्षकों की भर्ती पूरी कर ली जाएगी.बोर्ड ने 2 साल पुराने नियुक्ति के विज्ञापन को निरस्त कर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने पर मुहर लगा दी है.बोर्ड की बैठक में ऑनलाइन आवेदन की तिथि भी तय कर दी गई है.

गोरखपुर : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रही टीचर की कमी जल्द ही पूरी हो जायेगी.विश्वविद्यालय में लंबे समय से चल रहे 110 सीटों पर शिक्षकों की भर्ती की अड़चन को दूर कर लिया गया है.वही मैनेजमेंट बोर्ड की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि साल 2021 में निकाला गया नियुक्ति विज्ञापन निरस्त कर इसे फिर से निकाला जाएगा.इसमें प्रोफेसर,एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती की जाएगी. प्रबंध बोर्ड की बैठक में ऑनलाइन आवेदन की तिथि तय कर दी गई है.2 वर्ष पहले विश्वविद्यालय में 96 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था. पहले कोविड के चलते और बाद में शासन के निर्देश पर आरक्षण का रोस्टर नए सिरे से तैयार करने के कारण भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी.इस बीच कई टीचर रिटायर हो गए कुछ दूसरे संस्थानों में ज्वाइन कर लिए. मैनेजमेंट बोर्ड की मीटिंग में टीचर्स की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि तय कर दी गई है. जबकि सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज की सीटों को 270 से बढ़कर 360 कर दिया गया है.नियमित पाठ्यक्रम में 855 सीट निर्धारित है जिसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है.मैनेजमेंट बोर्ड की मीटिंग में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्या परिषद के पास 12 के साथ कुल 31 एजेंडा रखे है.सभी को हरी झंडी मिल गई है.इस संबंध में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जय प्रकाश सैनी ने बताया कि विश्वविद्यालय में 110 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की जाएगी. प्रबंध बोर्ड की नियुक्ति की अनुमति मिलने के बाद नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा.प्रबंध बोर्ड में पुराने विज्ञापन को निरस्त कर दिया है.


बीते 7 वर्षों में विश्वविद्यालय में नहीं हुई कोई भर्ती, पढ़ाई पर चल रहा है इसका असर 

मदन मोहन मालवीय के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पिछले 7 वर्षों में टीचर की भर्ती नहीं हुई है.जिससे पढ़ाई पर इसका असर दिख रहा है.विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है.विश्वविद्यालय में 177 पदों के सापेक्ष 67 टीचर ही तैनात हैं.नियमित और सेल फाइनेंस के पाठ्यक्रमों में अध्यापन को लेकर अस्थाई शिक्षकों पर निर्भरता बढ़ गई थी. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 57, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर 31 और प्रोफेसर के पद पर 22 नियुक्ति की जाएगी.

इन एजेंटों पर भी लगी बोर्ड की मुहर

  • विदेशी छात्रों के लिए 15% अतिरिक्त सीटें

  • अधिष्ठाता की संख्या 5 से 8 करना

  • स्टार्टअप नीति

  • छात्रों के लिए एक साथ दो डिग्री का विकल्प

  • रिपोर्ट–कुमार प्रदीप

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