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गोरखपुर: एम्स में मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब होगी ढीली, पार्किंग की सुविधा शुरू, ये लगेगा चार्ज

गोरखपुर एम्स में इलाज करने के लिए पूर्वांचल बिहार व नेपाल के कई जिलों से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब और ढीली होगी. क्योंकि एम्स प्रशासन ने परिसर में वाहन स्टैंड शुरू कर दिया है. साइकिल बाइक व कार के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है.

Gorakhpur : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज करने के लिए आने वाले मरीजों और तीमारदारों की जेबें और ढीले होंगी. क्योंकि एम्स प्रशासन ने परिसर में वाहन स्टैंड शुरू कर दिया है. एम्स में आने वाले रोगियों और उनके परिजनों को अब साइकिल के लिए पांच रुपये, बाइक के लिए 10 और कार के लिए 20 रुपये देने पड़ेंगे. वहीं नौ घंटे से 16 घंटे तक गाड़ी खड़ी रही तो शुल्क दोगुना हो जाएगा. 17 से 24 घंटे पर तीन गुना शुल्क देना पड़ेगा.

एम्स में इलाज करा रहे रोगियों और उनके परिजनों को बाइक खड़ी करने पर रोजाना 30 और कार के लिए 60 रुपए देने होंगे. एम्स प्रशासन ने निजी एजेंसी के हाथों एम्स के स्टैंड को सौंप दिया है. नियमानुसार एम्स प्रशासन को इस स्टैंड का टेंडर करना चाहिए था. बिना टेंडर एसएसआइपीएल नाम से पर्ची बनवा कर रुपए लिए जाने पर लोगों ने पर आपत्ति जताते हुए विरोध शुरू किया तो पर्ची पर से एसएसआइपीएल काट दिया गया.

बिना टेंडर के अस्थाई व्यवस्था में बनाया गया है- मीडिया प्रभारी

आरोप है कि मिलीभगत कर एक सुपरवाइजर को ठेका दे दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी भूपेंद्र चंद्र ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार किया है. वहीं इस मामले में एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि वाहन स्टैंड बनाने के लिए प्रशासन का बहुत दबाव था, इस कारण से बिना टेंडर के अस्थाई व्यवस्था में बनाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि स्टैंड से मिलने वाले रुपए को एम्स के खाते में जमा कराया जाएगा. तीन महीने के अंदर नियमानुसार टेंडर निकाला जाएगा. इसके बाद वाहनों की अलग-अलग दर तय की जाएगी.

गेट पर वाहन खड़ी करने से सड़क होता था जाम

आपको बता दें एम्स में सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त संख्या है, प्रशासन रोगियों और उनके परिजनों के वाहनों को परिसर के अंदर नहीं जाने देता है. गेट के बाहर ही जगह बनाकर वाहनों को खड़ा कराया जाता था. भीड़ ज्यादा होने के कारण वाहन कसया रोड तक पहुंच जाते हैं, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जाम की समस्या को देखते हुए यातायात पुलिस ने वाहनों को एम्स परिसर में खड़ा कराने के लिए कहा था. एम्स में स्टैंड बन जाने से जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी. वहीं शनिवार को तकरीबन 2000 वाहन स्टैंड में जमा कराए गए थे.

रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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