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UP News: आगरा की ये महिला भगवान श्रीकृष्ण को पति मानकर रखती है करवाचौथ का व्रत, 13 साल पहले की ​थी शादी

आगरा: गांव में ही बने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में हर रोज शकुंतला भगवान को भोग लगाती है. उसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करती है. ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है. हर साल करवाचौथ के दिन शकुंतला पूरे विधि विधान के साथ निर्जला व्रत रखती है और पूरे दिन भगवान की भक्ति में लीन रहती है.

Agra News: करवाचौथ पर सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखा हुआ है और बुधवार सुबह से वह भक्ति में लीन हैं. वहीं आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे बताएंगे जो करवाचौथ का व्रत तो रखती है. लेकिन, महिला का पति कोई इंसान नहीं बल्कि बंशीधर भगवान श्रीकृष्ण हैं. आगरा में एक ऐसी महिला है जो कि भगवान श्रीकृष्ण को ही अपना पति मानती है. भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ महिला ने 13 साल पहले शादी की और अब उनके लिए हर करवाचौथ पर विधि विधान के साथ व्रत रखती है. महिला का नाम शकुंतला देवी है और वह आगरा अछनेरा, रायभा के गांव मुंगर्रा की रहने वाली है. शकुंतला ने बताया कि उसको कई साल पहले देवी मां ने सपने में आदेश दिया और कहा कि उसे किसी युवक से विवाह न करके भगवान श्रीकृष्ण को अपना जीवन साथी चुनना चाहिए. जब यह बात शकुंतला ने अपने परिवार के लोगों को बताई तो एक बार को परिजन भी आश्चर्यचकित रह गए. शकुंतला भगवान श्री कृष्ण से विवाह करने पर अड़ी रही और एक समय ऐसा आया कि जब परिवार वालों ने भी शकुंतला की जिद के आगे हार मान ली. उसने 13 साल पहले विधि विधान के साथ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात फेरे लिए.

आगरा की शकुंतला ने 15 अप्रैल 2011 को भगवान श्रीकृष्ण को सात जन्मों के लिए अपना बनाया था. शादी की सालगिरह को शकुंतला बड़े धूमधाम के साथ एक उत्सव की तरह मनाती है. पूरे रीति रिवाज के साथ वह अपना पत्नी धर्म निभाती है और सभी रस्मों को पूरा करती है.

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गांव में ही बने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में हर रोज शकुंतला भगवान को भोग लगाती है. उसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करती है. ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है. हर साल करवाचौथ के दिन शकुंतला पूरे विधि विधान के साथ निर्जला व्रत रखती है और पूरे दिन भगवान की भक्ति में लीन रहती है. करवा चौथ के व्रत को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न करती है.

करवाचौथ पर शकुंतला घर पर पकवान तैयार करती है. सोलह श्रृंगार करती है. सज धजकर महिलाओं के साथ पूजा अर्चना करती है और रात्रि में चांद को अर्घ्य देने देकर अपना व्रत पूरा करती है. स्थानीय लोग शकुंतला को राधा की तरह देखते है. उसकी भक्ति से बेहद प्रभावित हैं.

आसपास के गांव के लोग शकुंतला को राधा की तरह मानते हैं. लोग शकुंतला की पूजा कर आशीर्वाद लेते हैं. गांव में ही परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनवाया है, जिसमें शकुंतला पूजा अर्चना करती है. यहीं पर लोग उनसे आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.

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