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UP Panchayat Chunav 2021 : यूपी पंचायत चुनाव की नई आरक्षण सूची से मुलायम परिवार को लगा जोरदार झटका

UP Panchayat Election 2021 Updates, how will change in reservation list : उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) के लिए पांच पदों की आरक्षित सीटों ( reservation list ) के आवंटन की सूची जारी होने के बाद कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है. यूपी पंचायत चुनाव की नई आरक्षण सूची से मुलायम (Mulayam singh yadav,samajwadi party) परिवार की परेशानी बढ़ गई है.

  • यूपी पंचायत चुनाव की नई आरक्षण सूची से मुलायम परिवार की परेशानी बढ़ी

  • सैफई ब्लॉक प्रमुख की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हुई

  • पिछले 25 वर्षों से यादव परिवार का कब्जा था

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों (UP Panchayat election news) को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. इसी बीच नई आरक्षण सूची आने के बाद समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल पिछले 25 वर्षों से लगातार जिस सैफई ब्लॉक प्रमुख सीट पर यादव परिवार की धाक थी, वह नए परिसीमन में आरक्षित हो चुकी है.

यहां चर्चा कर दें कि सैफई की गिनती देश के सबसे आधुनिक गांवों में की जाती है. यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, अंतरराष्ट्रीय स्विमिंग पूल, एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम, सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय और साफ-सुथरी लम्बी चौड़ी सड़कें नजर आतीं हैं. लेकिन मुलायम के नाती और 2014 में मैनपुरी से सांसद रहे तेज प्रताप यादव ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सैफई को पूरी तरह नजरअंदाज किया है. हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि पिछली सरकारों में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए आरक्षण क्यों नहीं हुआ तो वे खामोश हो गये.

एससी (महिला) हुई सीट : नई आरक्षण सूची की बात करें तो इसमें सैफई सीट को अनुसूचित जाति महिला के लिए रिजर्व करने का काम किया गया है. तेज प्रताप ने इसपर प्रति‍क्र‍िया देते हुए कहा कि एक बार फिर से सैफई ब्लॉक प्रमुख की सीट पर उनके परिवार का न सही उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति ही काबिज होगा. उनके इस दावे पर गौर किया जाए तो यह सही होता नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मुलायम परिवार की ओर से सैफई से जिस अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को खड़ा किया जाएगा वह आसानी से जीत दर्ज करेगा. यहां गौर करने वाली बात ये हैं कि सैफई पंचायत से 55 बीडीसी सदस्य एक ब्लॉक प्रमुख का चुनाव होता है और इन 55 में से आमतौर पर सभी समाजवादी पार्टी के ही बीडीसी सदस्य चुनकर आते हैं.

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1995 से कब्जा : आपको बता दें कि सैफई ब्लॉक 1995 में बना था. पहली बार मुलायम के सबसे बड़े भाई रतन सिंह के बेटे रणवीर सिंह ब्लॉक प्रमुख बनकर आये थे. 5 साल बाद भी 2000 चुनाव हुए तो इस बार भी रणवीर ही दोबारा ब्लॉक प्रमुख बने. 2002 में रणवीर सिंह की मौत हो जाने के बाद मुलायम के बेहद करीबी चौधरी नत्थू सिंह के बेटे अरविंद इस पद पर काबिज हुए. 2005 की बात करें तो इस साल ब्लॉक प्रमुख की जिम्मेदारी मुलायम के छोटे भाई अभयराम के बेटे धर्मेंद्र यादव को मिली. बदायूँ के सांसद बनने से पहले धर्मेंद्र यादव 2005 से 2010 तक ब्लॉक प्रमुख के पद पर काबिज नजर आये.

आपत्तियां आमंत्रित : यहां चर्चा कर दें कि जो जिस सीट विशेष से चुनाव लड़ने की तैयारी में था, उसकी सीट किसी अन्य जाति को आरक्षित या अनारक्षित कर दी गई…ऐसे उम्मीदवारों के खेमे में मायूसी का आलम है पर अभी उनके पास विकल्प बाकी है. दरअसल चार से आठ मार्च के बीच इन प्रकाशित सूचियों पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित करने का काम किया गया है.

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