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Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी की दीवारों पर मिले कमल, शेषनाग और देवताओं के निशान, सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मस्जिद में सनातन धर्म से जुड़े कई चिह्न हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिद के अंदर कमल, त्रिशूल और डमरू के प्रतीक चिह्न मिले हैं. इसके अलावा वजूकुंड में मिले कथित शिवलिंग का जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया है.

Gyanvapi Dispute: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की दूसरी रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में जमा करा दी गई है. विशेष अधिवक्ता कमिश्नर विशाल सिंह द्वारा प्रस्तुत इस दूसरी रिपोर्ट में कई बड़े-बड़े खुलासे हुए हैं. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मस्जिद में सनातन धर्म से जुड़े कई चिह्न हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिद के अंदर कमल, त्रिशूल और डमरू के प्रतीक चिह्न मिले हैं. इसके अलावा वजूकुंड में मिले कथित शिवलिंग का जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया है.

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दक्षिणी खम्भे पर स्वास्तिक का चिन्ह

मुस्लिम पक्ष जिस पथरनुमा काली आकृति को फव्वारा बता रहा है, उसमें कोई छेद नहीं मिला है. न ही उसमें कोई पाइप घुसाने की जगह मिली है. हिंदू पक्ष के वकीलों द्वारा फव्वारा चलाकर दिखाने की बात कही गई. मगर मुस्लिम पक्ष ऐसा करने में असमर्थ रहा. गोल-गोल जवाब देकर कभी 20 साल से बंद तो कभी 12 साल से बंद बता रहा था. मस्जिद में मुख्य गुम्बद के ऊपर दक्षिणी खम्भे पर स्वास्तिक का चिन्ह मिला है.

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सबूत जान हो जाएंगे हैरान

मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिन्ह मिले हैं. यह सब बातें एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की रिपोर्ट में है. सर्वे 14 से 16 मई तक चला था. इससे पहले पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने 6 और 7 मई की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी. सूत्रों के मुताबिक, इस सर्वे रिपोर्ट में खंडित मूर्तियां, देवताओं की कलाकृतियां, कमल की कलाकृति, शेषनाग की कलाकृति, नागफनी की आकृति, दीवार में ताखा और दीये के सबूत मिलने का दावा किया गया है.

इतिहासकारों से जांच कराने की बात की

कमीशन ने रिपोर्ट में विशेषज्ञों और इतिहासकारों से जांच कराने की बात की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इतिहासकार और विषय विशेषज्ञों से परिसर की जांच कराना जरूरी है. मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिन्ह मिला है. उत्तर-पश्चिम दिशा में 15 गुणे 15 फीट का एक तहखाना दिखा, जिसके ऊपर मलबा पड़ा था, वहां पड़े पत्थरों पर मन्दिर जैसी कलाकृतियां दिखीं. मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिन्ह मिले हैं. बाहर विराजमान नंदी और अंदर मिले कुंड (जिसके बीचोबीच एक पक्ष द्वारा शिवलिंग स्थापित बताया गया) के बीच की दूरी 83 फीट 3 इंच है. 3 फीट गहरा कुंड मिला है. कुंड के चौतरफा 30 टोटियां लगी थीं. कुंड के बीच में लगभग 6 फीट गहरा कुआं दिखा. कुआं के बीचोबीच गोल पत्थरनुमा आकृति दिखी. गोलाकार पत्थरनुमा आकृति (एक पक्ष जिसे शिवलिंग और दूसरा पक्ष फव्वारा बता रहा था उसमें पानी घुसाने के लिए कोई पाइप या व्यवस्था नहीं दिखी. कुंड के बीचोबीच स्थित पत्थर की गोलाकार आकृति (जिसे एक पक्ष द्वारा शिवलिंग कहा गया है) में सींक डालने पर 63 सेंटीमीटर गहराई पाई गई. पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट पाया गया. हाथी के सूंड़, त्रिशूल, पान कर घंटियां दिखीं.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

Prabhat Khabar News Desk
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