Kanpur: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल अभी तक आपने पुलिस के जनता से वसूली करने के मामले सुने और देखे होंगे. लेकिन, अब डायल 112 में तैनात पुलिस कर्मियों से ही विभाग के कर्मचारी से वसूली कर रहे हैं. इससे त्रस्त होकर पीड़ित वर्दीधारियों ने वसूली के सिंडिकेट का खुलासा करते हुए एक पत्र वायरल कर दिया. वायरल पत्र में लिखा गया है कि किस तरह से आईपीएस अफसर तीन दारोगाओं के साथ वसूली का सिंडिकेट चलाते हैं. अवैध वसूली का पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कानपुर पुलिस आयुक्त ने मामले में जांच बैठा दी है.
पूर्व एसपी ने की थी वसूली की शुरुआत
वायरल पर्चे के मुताबिक डेढ़ साल से करीब डायल 112 में तैनात पुलिसकर्मियों से जमकर वसूली की जा रही है. इस वसूली की शुरुआत पूर्व एसपी ने की थी. उनकी शह पर ही एक दारोगा डायल 112 में तैनात पुलिस कर्मियों से वसूली करता था.
वायरल पर्चे पर आरोप लगा है कि बीते 6 महीने से डायल 112 में ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं हो रही है. लेकिन, आईपीएस अफसर ने वसूली की इंतहा कर रखी है. इससे परेशान होकर पुलिसकर्मियों ने वसूली के सिंडिकेट का खुलासा करने के लिए भाजपा कार्यालय के बाहर कथित पर्चे को चस्पा कर दिया. इसके बाद से पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल है.
ट्रांसफर पोस्टिंग पर हजारों की वसूली
औचक निरीक्षण करके मामूली लापरवाही मिलने पर रोज 2 से 3 गाड़ियों को लेकर कागजी की जाती है. इसके बाद डायल 112 में तैनात जीडी मुंशी कैरेक्टर रोल खराब होने की धमकी देता है. इसके साथ ही 10 से 15 हजार की वसूली करता है और तैनाती के बदले पर 20 से 30 हजार की मांग करता है. वहीं निजी आदमी से वह पीआरवी वाहन की वीडियो बनवाता है और क्लीन चिट के नाम पर भी 15 हजार मांगता है.
पुलिस आयुक्त ने मामले पर बैठाई जांच
पुलिसकर्मियों का वायरल पर्चे में आरोप है कि आईपीएस अफसर ने तीन उपनिरीक्षकों को शह दे रखी है, जो 112 में तैनात पुलिसकर्मियों से वसूली करते हैं. वहीं पूरे मामले की जानकारी लगते ही पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने जांच बैठा दी है. पीआरवी के पुलिसकर्मियों से वसूली की जांच डीसीपी मुख्यालय रवीना त्यागी को दी गई है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि जांच सही और प्रभावी तरीके से हो, जिससे जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी