9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Hathras Case : हाथरस में गैंगरेप हुआ या नहीं? जानें क्या है अबतक की रिपोर्ट

Hathras Gangrape Case हाथरस में गैंगरेप हुआ या नहीं? Law की नजर में क्या है रेप और क्या कह रही है UP पुलिस. उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने postmortem रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पीड़िता की मौत गला घोंटने के कारण हुई है.postmortemरिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उसके साथ Rape हुआ था.

सहाथरस गैंगरेप कांड की पीड़िता की मौत जिंदगी की जंग लड़ते हुए 29 सितंबर को हो गयी. 14 सितंबर को वह 19 साल की लड़की हैवानियत की शिकार हुई थी. लेकिन कल उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पीड़िता की मौत गला घोंटने के कारण हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उसके साथ बलात्कार हुआ था. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि उसके प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट थी.

पुलिस का दावा नहीं हुआ रेप

पुलिस ने गुरुवार को दावा कि पीड़िता की विसरा की फोरेंसिक रिपोर्ट से यह बात साबित हो गयी है कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ. उसके सैंपल्स में वजाइना में स्पर्म नहीं मिले हैं, इससे यह साफ होता है कि कुछ लोगों ने जातीय तनाव बढ़ाने के लिए इसे रेप का मामला बताया. एडीजी प्रशांत कुमार ने खुद यह बात कही कि एफएसएल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं होती है. मौत का कारण गरदन की हड्डी टूटना है.

परिवार वालों का दावा रेप हुआ

जबकि परिवार वालों का कहना है कि उनकी बेटी खेत में जानवरों का चारा लेने गयी थी उसी वक्त उसे चार युवक खींचकर ले गये बाद में वह निर्वस्त्र बेहोश मिली थी. उसके शरीर से खून बह रहा था. उसकी जीभ कटी हुई थी. रीढ़ की हड्डी टूटी थी. इसमें कोई दो राय नहीं है कि लड़की के साथ हैवानियत हुई, उसे मारा-पीटा गया. अब सवाल यह है कि क्या उसके साथ रेप हुआ या नहीं. अमूमन रेप के मामले में केस कमजोर करने के लिए यह साबित किया जाता है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ और हुआ भी तो अप्राकृतिक तरीके से ताकि सजा कम हो सके.

नौ दिन बाद गैंगरेप की धारा लगाकर केस दर्ज हुआ

हाथरस केस में पुलिस ने शुरुआत में हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया, साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया. नौ दिन के बाद पुलिस ने गैंगरेप की धारा लगाकर केस दर्ज किया. अब सवाल यह उठता है कि जब प्राथमिकी दर्ज कराने में इतनी परेशानी होती है तो रेप हुआ है यह साबित करने में कितनी परेशानी होगी. हाथरस केस में पुलिस कह रही है रेप नहीं हुआ, तो फिर प्राइवेट पार्ट इस तरह चोटिल कैसे है कि 10-12 दिन तक ब्लीडिंग बंद नहीं हुई. अगर अप्राकृतिक यौनाचार भी हुआ, तो हैवानियत की हद है और ऐसे में कठोर सजा का प्रावधान भारतीय दंड संहिता में है.

किसे कहते हैं रेप

आईपीसी की धारा 375 के अनुसार जब कोई पुरुष किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसकी सहमति के बिना, उसे डरा धमका कर या फिर महिला के होश में नहीं होने पर संभोग करता है, तो उसे बलात्कार कहते हैं. चाहे संभोग की क्रिया पूरी हुई हो अथवा नहीं उसे कानूनन बलात्कार ही कहा जायेगा. कानून के अनुसार अगर महिला की सहमति नहीं है तो फिर चाहे महिला के शरीर के साथ प्राकृतिक या अप्राकृतिक तरीके से छेड़छाड़ की गयी हो उसे बलात्कार ही कहा जायेगा. उसके प्राइवेट पार्ट में किसी वस्तु को डालना भी रेप के श्रेणी में ही आता है.

क्या है सजा

-बलात्कार के आरोपी पर धारा 376 के तहत मुकदमा चलता है

-पुलिस द्वारा जांच पड़ताल के बाद इकट्ठे किये गए सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों पक्षों के वकील दलीलें पेश करते हैं और अपराध साबित होने पर कम से कम सात साल व अधिकतम 10 साल तक कड़ी सजा और आजीवन कारावास दिए जाने का प्रावधान है. गैंगरेप के मामले में 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा है.

-निर्भया गैंगरेप को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस सुप्रीम कोर्ट ने माना और बलात्कारियों को मौत की सजा दी.

भारतीय विद्यापीठ, न्यू लॉ कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर शिवांगी सिन्हा ने बताया कि कानून में रेप की परिभाषा और सजा बिलकुल स्पष्ट है. यह महिलाओं को सुरक्षित करने और न्याय दिलाने में समर्थ है. हालांकि सुबूत जुगाड़ करने और जिरह के दौरान यह कोशिश होती है कि केस को कमजोर किया जाये, लेकिन निर्भया के मामले में जिस तरह की सजा हुई वह मिसाल है.

Also Read: Hathras case : योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, हाथरस के एसपी- डीएसपी सहित पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड, सबका नार्को टेस्ट होगा

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें