Tamilnadu Chopper Crash: तमिलनाडु के हेलिकॉप्टर हादसे में 14 लोगों में से एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने बुधवार को अंतिम सांसें ली. 8 दिसंबर को कुन्नूर में हादसे के बाद उनका बेंगलुरु के कमांड हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था. बुधवार को एयरफोर्स ने ट्वीट करके वरुण सिंह के शहीद होने की जानकारी दी. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके गहरा दुख जताया है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने भी दुख व्यक्त किया है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया में पैदा हुए वरुण सिंह बतौर फाइटर पायलट जगुआर स्क्वाड्रन में तैनात थे. कुछ महीने पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों वरुण सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित हुए थे. उनके गुजरने के बाद गोरखपुर में खामोशी छा गई. देवरिया में भी लोगों को भरोसा नहीं हुआ कि वो हमारे बीच नहीं रहे. वो देवरिया के कन्हौली गांव के निवासी थे. उन्होंने फाइटर पायलट के रूप में दक्षता हासिल की थी.
2007 से 2009 तक वरुण सिंह की गोरखपुर जिले में पोस्टिंग रही. वो जगुआर फाइटर प्लेन उड़ाते थे. उनका गोरखपुर से हैदराबाद तबादला हुआ. उनकी तैनाती तमिलनाडु के वेलिंगटन में थी. उन्हें वेलिंगटन स्थित डिफेंस एकेडमी के कार्यक्रम में सीडीएस बिपिन रावत के साथ जाना था. सीडीएस बिपिन रावत एकेडमी में लेक्चर देने वाले थे. इसी बीच उनका हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. हादसे में वरुण सिंह एकमात्र जीवित बचे थे और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था.
वरुण सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे थे. वरुण सिंह ने 12 अक्टूबर 2020 को कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद समझदारी से काम लेते हुए 12 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी. इसके लिए वरुण सिंह को 15 अगस्त को राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह भी देश सेवा कर चुके थे.