Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का बरेली शहर से गहरा नाता रहा है. वह अक्सर यहां आते थे और स्थानीय नेताओं के साथ घुल मिल जाते थे. चार दशक तक भारतीय संसद के सदस्य रहने वाले वाजपेयी का लोकसभा में 10 बार और राज्यसभा के लिए दो बार चुनाव होने के बाद भी हंसमुख स्वभाव कायम रहा.
अटल बिहारी वाजपेयी ने बरेली को दी थी सौगात
पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर अटल बिहारी वाजपेयी ने बरेली को बड़ी सौगात दी थी.1996 में आला हजरत उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बरेली के सांसद संतोष गंगवार से दरगाह पर चादरपोशी के लिए चादर भेजी थी. दरगाह के लोगों ने चादरपोशी से पहले आला हजरत के नाम पर ट्रेन चलाने की मांग की. यह बात स्थानीय सांसद ने पूर्व पीएम को बताई. पूर्व पीएम ने बरेली से भुज के बीच चलने वाली भुज एक्सप्रेस का नाम आला हजरत कर दिया.
यात्रियों की जुबान पर रहता है अटल विहारी वाजपेयी का नाम
यह ट्रेन हर दिन बरेली जंक्शन से होकर दिल्ली, जयपुर, अजमेर होते हुए भुज तक जाती है, फिर इसी रूट से प्रतिदिन लौटती है. आला हजरत एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्री हर दिन पूर्व पीएम को याद करते हैं. इसके साथ ही सफर में भी यात्री चर्चा करते हुए जाते हैं.
बरेली को मिला अटल सेतु
शहर में चौपला चौराहे पर सुबह से रात तक जाम की स्थिति बनी रहती थी. यहां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से ओवरब्रिज बनाया गया है. इसका शुभारंभ कुछ समय पहले ही हुआ है. जिसके बाद लोगों को परेशानी से बड़ी राहत मिली.
बरेली से अजमेर और गुजरात को नहीं थी कोई ट्रेन
बरेली से गुजरात को पतंग, मांझे, मकराना, सुर्मा कारोबार के साथ ही अजमेर शरीफ दरगाह पर काफी लोग जाते थे. यहां से कोई ट्रेन नहीं थी, जिसके चलते बड़ी परेशानी होती थी. आला हजरत एक्सप्रेस चलने से यात्रियों को काफी सहूलिय मिली है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद