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Rourkela News : सरकार की कृषि नीति से कंपनियों व पूंजीपतियों को फायदा : राकेश टिकैत

बरगढ़ में राज्य स्तरीय किसान महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत

Rourkela News : बरगढ़ जिले के संया खेल मैदान में सोमवार को राज्य स्तरीय किसान महापंचायत हुई, जिसमे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता शामिल हुए. इस महापंचायत का आयोजन बरगढ़ जिला किसान संगठन ने किया था, जबकि इसमें कई किसान, स्वयंसेवक, सामाजिक संगठन शामिल हुए. कड़ी धूप होने के बावजूद मैदान में महापंचायत में हजारों किसान शामिल हुए. सरकार की कृषि नीति के खिलाफ यह महापंचायत हुई. अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की कृषि नीति पूरी तरह से कंपनियों और पूंजीपतियों के पक्ष में है. संगठन का आरोप है कि जिन किसानों के लिए नीति तैयार की जा रही है, वे दिन-ब-दिन गरीब और कर्जदार होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार कह रही है कि किसानों का कर्ज माफ किया तो सरकार दिवालिया हो जायेगी, जबकि कंपनियों का करोड़ों रुपये माफ किया जा रहा है. दूसरी ओर, जितना कर्ज चुकाए बिना पूंजीपति विदेश भाग गये हैं, उतना कर्ज किसानों ने नहीं लिया है. लेकिन अन्नदाता कहलाने वाले किसानों के लिए अमृतकाल में केवल विष ही मिला है. संयुक्त किसान संगठन उपदेशठा मंडली ने कहा कि जबकि सरकारें अधिक पैदावार के लिए बेहतर बीज, रासायनिक उर्वरक और आधुनिक मशीनरी के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं, किसानों को उनके निवेश की तुलना में कम बिक्री मूल्य मिल रहा है. सरकार किसानों की सारी फसल न खरीदकर एक तिहाई खरीद रही है. नतीजा यह होता है कि किसान अपना बचा हुआ अनाज दलालों और व्यापारियों को कम कीमत पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं. बाजार व्यवस्था, बुनियादी ढांचे और कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण किसानों को घाटा और शोषण झेलना पड़ रहा है जबकि विभिन्न सरकारें सिंचाई की बात कर रही हैं, लेकिन आज तक सभी कृषि भूमि को सिंचित नहीं किया जा सका है. बरगढ़ जिले के 12 ब्लॉकों में से 4 ब्लॉक पूरी तरह से सिंचित हैं जबकि 8 ब्लॉक असिंचित हैं और लगातार सूखे का सामना करते हैं. किसान फसल बीमा का पैसा समय पर नहीं मिलने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं,अतिरिक्त बिजली सिंचाई बिलों पर खर्च की जा रही है और राज्य में बिजली वितरण कंपनियों द्वारा अतिरिक्त बिजली का दोहन किया जा रहा है. जहां विभिन्न कंपनियों के अरबों रुपये के बिजली बिल माफ किये जा रहे हैं, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों से जबरन बिल वसूला जा रहा है और भुगतान न करने पर लाइन काट दी जाती है. चुनाव के दौरान दिए गये 300 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे को भूलकर अब वे सौर ऊर्जा योजना के लिए ऋण देने का प्रचार कर रहे हैं. खेती और किसानों की ऐसी ही समस्याओं की शिकायत के लिए बरगढ़ के किसान संघ ने इस किसान महापंचायत का आयोजन किया है.

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