Bhubaneswar News: श्रील सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद जी भक्ति, सेवा और मानवता के जीवंत प्रतीक हैं और बीते 100 वर्षों से कटक का श्री सचिदानंद मठ आध्यात्मिक, साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से नैतिकता का दीप प्रज्ज्वलित करता आ रहा है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधबार शाम कटक स्थित जवाहरलाल इनडोर स्टेडियम में आयोजित श्रील प्रभुपाद जी की 151वीं जयंती एवं कटक के श्री सचिदानंद मठ के शताब्दी उत्सव के अवसर पर यह बात कही.
कर्तव्यबोध और आत्मचिंतन का मार्ग दिखा रहा श्री सचिदानंद मठ
मुख्यमंत्री ने कहा कि परमपूज्य श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद जी केवल एक महान संत, शिक्षक या धर्मप्रचारक ही नहीं थे, बल्कि उनका जीवन-दर्शन, गीता और भागवत का शाश्वत संदेश तथा ‘जीवन को भगवान की सेवा में समर्पित करना’, ये मूल्य सदैव हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सचिदानंद मठ ज्ञान की ज्योति फैलाने के साथ-साथ कर्तव्यबोध और आत्मचिंतन का मार्ग दिखाता आ रहा है. आज की अर्थप्रधान दुनिया में इस चेतना का जागरण हमारे समाज के लिए एक अमूल्य संपदा है. पिछले 100 वर्षों में इस मठ ने न केवल धार्मिक चेतना जागृत की है, बल्कि शिक्षा, दान, साधु संगति, समाजसेवा और युवा पीढ़ी को नैतिक दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रील प्रभुपाद का योगदान आज भी प्रासंगिक है, जिसे आत्मसात करने पर आज का समाज विश्व-भ्रातृत्व की भावना से ओतप्रोत होकर वास्तविक सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकता है. श्रील प्रभुपाद की 151वीं जयंती केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि हमारे लिए एक संकल्प है कि हम उनके दिए हुए आदर्श, सेवा भाव और भक्ति के मार्ग पर अटल रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्ति भाव का वास्तविक अर्थ और उद्देश्य है मनुष्य के अंतःकरण को शुद्ध करना. इस दिशा में श्री शील प्रभुपाद ने हमें मार्गदर्शन प्रदान किया है. अतः यदि हम उनके दिखाये मार्ग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकें, तो हमारा जीवन सार्थक हो जायेगा. उनका मार्गदर्शन और वाणी हमारे लिए अमृत का आलिंगन बनी रहेगी.
श्रील प्रभुपाद ज्ञान का अध्ययन जीवन भर करने पर भी समाप्त नहीं होगा
गौड़ीय मिशन के अध्यक्ष श्रीमद् भक्ति सुंदर संन्यासी गोस्वामी महाराज ने कहा कि श्रील प्रभुपाद ज्ञान का ऐसा ग्रंथ हैं, जिसका अध्ययन जीवन भर करने पर भी समाप्त नहीं होगा. कार्यक्रम में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर श्रीमद् भक्ति विचार भारती महाराज, गौड़ीय मिशन के समिति सदस्य उमेश खंडेलवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मंचासीन थे. कार्यक्रम में गौड़ीय वैष्णव सम्मेलन के सदस्य भक्ति बोधायन वेदांत महाराज ने स्वागत भाषण दिया, जबकि भक्ति रूपक राधांति महाराज ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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